नई दिल्ली, 12 जुलाई। यदि आप पिछले माह सुपरमून के साक्षी बनने से चूक गए हैं, तो आपके पास एक और सुनहरा मौका है। नक्षत्रों के अनुसार बुधवार, 13 जुलाई को आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा बुधवार को है। इसी समय चंद्रमा की कक्षा उसे पृथ्वी के सामान्य से अधिक करीब लाएगी। इस खगोलीय घटना को सुपरमून कहा जाता है।
इस बार की पूर्णिमा को ‘बक मून’ नाम दिया गया है
सुपरमून वह खगोलीय घटना है, जिसके दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है। इस दौरान यदि मौसम अनुकूल हो तो चंद्रमा अधिक चमकीला और अधिक बड़ा दिखाई दे सकता है। बुधवार की पूर्णिमा को ‘बक मून’ नाम दिया गया है। ऐसा साल के उस समय के संदर्भ में किया गया है, जब हिरन के नए सींग उगते हैं। 14 जून को दिखे सुपरमून को ‘स्ट्रॉबेरी मून’ नाम दिया गया था क्योंकि यह पूर्णिमा स्ट्रॉबेरी की फसल के समय पड़ी थी।
इस वर्ष का सुपरमून 13 जुलाई की रात 12 बजकर 7 मिनट पर देखा जा सकता है। इसके बाद यह अगले वर्ष यानी 2023 में तीन जुलाई को दिखेगा। 13 जुलाई को सुपरमून के दिन वर्ष का सबसे बड़ा चांद दिखेगा। इसे डीयर मून यानी हिरन चांद, थंडर मून, हे मून और विर्ट मून के नाम से भी जाना जाता है। अमेरिका में इसे सैल्मन मून, रास्पबेरी मून और कैलमिंग मून कहा जाता है।
ज्योतिष के लिहाज से बन रहे ये संयोग
- इस बार गुरु पूर्णिमा पर भद्र, रुचक, हंस और शश नामक चार राजयोग बन रहे हैं।
- इस गुरु पूर्णिमा को मंगल, बुध, गुरु और शनि अपनी स्वराशि में विराजमान हैं।
- पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को भोर 4:08 बजे से और रात को 12:06 तक रहेगी।
- इस गुरु पूर्णिमा पर ली गई दीक्षा शिष्य के जीवन में अति शुभ फलदायी होगी।
- भगवान विष्णु की उपासना करें, दीपक जलाएं और केले के वृक्ष का पूजन करें।