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पूर्व अमेर‍िकी राजदूत एर‍िक गार्सेटी बोले – ‘ट्रंप का भारत पर प्रतिबंध बड़ी गलती, हमारी ही मुसीबत बढ़ेगी’

पूर्व अमेर‍िकी राजदूत एर‍िक गार्सेटी बोले – ‘ट्रंप का भारत पर प्रतिबंध बड़ी गलती, हमारी ही मुसीबत बढ़ेगी’

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वॉशिंगटन, 19 अक्टूबर। भारत में अमेरिका के राजदूत रहे एरिक गार्सेटी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने भारत पर भारी टैरिफ लगाकर बड़ी गलती की है और यह दोनों देशों का रिश्ते बिगाड़ने वाला कदम है, जिससे अमेरिका की ही मुसीबत बढ़ेगी।

एरिक गार्सेटी ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत ने निश्चित मूल्य सीमा के तहत रूसी तेल खरीदकर वही किया, जो यूरोप और अमेरिका चाहते थे। लेकिन ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद भारत को ही रूसी युद्ध मशीन को धन मुहैया कराने वाला देश कहते हुए घेरना शुरू कर दिया, यह रवैया कदापि ठीक नहीं है।

भारत विस्तारवादी शक्ति नहीं, वह अन्य देश पर कब्जे की कोशिश नहीं करता

गार्सेटी ने कहा कि भारत कोई विस्तारवादी शक्ति नहीं है। वह किसी अन्य देश पर कब्‍जा करने की कोशिश नहीं करता। भारत केवल वही हासिल करना चाहता है, जिसका वह हकदार है। भारत की मल्‍टीअलाइनमेंट पॉल‍िसी नॉनअलाइनमेंट है और इसे लेकर देशवासियों में गर्व की भावना है। उन्‍होंने समझाया क‍ि भारत के साथ‍ रिश्ता खराब करने का मतलब है क‍ि अमेर‍िका का ही नुकसान।

भारत ऐसे द्वार खोल सकता है, जो अमेरिका के लिए भी आसान नहीं

उल्लेखनीय है कि एरिक गार्सेटी कुछ द‍िनों पहले तक भारत के राजदूत हुआ करते थे। उनके वक्‍त में भारत-अमेर‍िका रिश्ते काफी बेहतर रहे। अब रिश्ते बिगड़ने पर गार्सेटी ने कहा, भारत ऐसे द्वार खोल सकता है, जो अमेरिका के लिए भी आसान नहीं हैं। भारतीयों ने अपनी नॉनअलाइनमेंट विदेश नीति पर काफी मेहनत की है। यह न केवल आर्थिक और रणनीतिक हितों की रक्षा करती है, बल्कि भारत की वैश्विक छवि को भी मजबूत करती है।

देखा जाए तो भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में कई बार मतभेद आते रहे हैं, लेकिन गार्सेटी का यह बयान भारत के दृष्टिकोण को सही ठहराने वाला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की नीति हमेशा शांतिपूर्ण और संतुलित रही है। यह देश किसी पर दबाव नहीं डालता और न ही किसी का फायदा रोकने की कोशिश करता है।

रुस से तेल खरीदारी के समय भारत ने माने सारे नियम

पूर्व अमेरिकी राजदूत ने यह भी कहा कि भारत ने रूस से तेल खरीदते समय अंतरराष्ट्रीय नियमों और प्रतिबंधों का पालन किया। केवल ट्रंप के बयान ने भारत की छवि को गलत रूप में पेश किया। गार्सेटी ने यह समझाने की कोशिश की कि भारत की प्राथमिकता अपने राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा है, न कि किसी युद्ध में किसी को मदद पहुंचाना।

विशेषज्ञों का कहना है कि गार्सेटी का यह बयान भारत और अमेरिका के बीच विस्तृत रणनीतिक संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी माना कि भारत का बहु-संरेखित दृष्टिकोण उसे वैश्विक राजनीति में अलग पहचान और प्रभाव देता है। यह भारत को न केवल आर्थिक, बल्कि सैन्य और कूटनीतिक मोर्चे पर भी मजबूत बनाता है।’

भारत क‍िसी के दबाव में नहीं आता

भारत की यह नीति केवल अपनी सुरक्षा और विकास तक सीमित नहीं है गार्सेटी के अनुसार, यह देश वैश्विक स्थिरता और शांति में भी योगदान देता है। भारत किसी क्षेत्रीय या वैश्विक विस्तार की नीति का पालन नहीं करता। इसका उद्देश्य हमेशा संतुलित और न्यायपूर्ण निर्णय लेना रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सहयोग की संभावनाएं बहुत हैं, लेकिन भारत अपने हितों के हिसाब से कदम उठाता है। यह देश किसी दबाव में नहीं आता और न ही किसी को सीधे तौर पर टकराव में लाता है।

भारतीय कदम को ट्रंप ने इसे गलत ढंग से पेश किया

गार्सेटी के अनुसार यह भारत की स्थिर और परिपक्व कूटनीति की सफलता है कि वह अपने कदम बिना किसी बड़े विवाद के आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ट्रंप के प्रतिबंध केवल असमंजस और गलतफहमी की वजह से लगे। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के नियमों के मुताबिक कदम उठाया, लेकिन ट्रंप ने इसे गलत ढंग से पेश किया। उन्होंने जोर दिया कि भारत हमेशा शांतिपूर्ण और सम्मानजनक तरीके से अंतरराष्ट्रीय रिश्ते निभाता है।

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