कर्नाटक : बलात्कार मामले में पूर्व JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना दोषी करार, अदालत कल सुनाएगी सजा
बेंगलुरु, 1 अगस्त। कर्नाटक में हासन के पूर्व जेडीएस सांसद व पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पौत्र प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के एक मामले में बेंगलुरु की विशेष अदालत ने शुक्रवार को दोषी ठहराया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रज्वल रेवन्ना को विशेष अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज चार यौन शोषण और बलात्कार के मामलों में से एक में दोषी ठहराया है। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक नायक ने बताया कि विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट शनिवार को सजा का एलान करेंगे।
कोर्ट का फैसला सुनने के बाद रेवन्ना अदालत में ही रोने लगा
कोर्ट का फैसला सुनकर रेवन्ना भावुक हो गया और अदालत में ही फूट-फूटकर रोने लगा। फैसला सुनने के बाद कोर्ट से बाहर निकलते समय भी वह रोता रहा। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत ने यह फैसला एफआईआर दर्ज होने के 14 महीने बाद सुनाया है।
क्या है मामला?
प्रज्वल के खिलाफ हासन जिले के एक ग्रामीण पुलिस स्टेशन में पहला मामला दर्ज किया गया था। प्रज्वल के खिलाफ पहली एफआईआर पिछले वर्ष 28 अप्रैल को एक महिला की शिकायत पर दर्ज की गई थी। 48 वर्षीया महिला हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित रेवन्ना परिवार के गन्निकाडा फार्महाउस में सहायिका के रूप में काम करती थी। 2021 में उसके साथ कथित तौर पर दो बार दुष्कर्म किया गया। आरोपित ने इस कृत्य को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड भी किया।
एफआईआर दर्ज कराने के बाद महिला का परिवार अपना घर छोड़कर कहीं और चला गया था। उस समय महिला के एक पड़ोसी ने बताया था, ‘वह रेवन्ना के घर पर घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। कुछ वीडियो वायरल होने लगे और फिर हमें उसके घर पर ताला लगा मिला। हमें नहीं पता कि वह कब गई।’
सबूत के रूप में पेश की गई साड़ी
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में साड़ी को कोर्ट में पेश किया गया। आरोप है कि पूर्व सांसद ने घरेलू सहायिका के साथ एक नहीं बल्कि दो बार बलात्कार किया। पीड़िता ने घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और उसके पास वह साड़ी भी मौजूद थी, जिसे उसने सबूत के तौर पर संभाल कर रखा था। जांच में उस साड़ी पर स्पर्म के निशान पाए गए, जिससे यह मामला और भी मजबूत हो गया। अदालत में इस साड़ी को निर्णायक सबूत के रूप में पेश किया गया।
जांच टीम ने जुटाए 123 सबूत, 7 माह में पूरा हो गया ट्रायल
इस मामले की जांच सीआईडी के विशेष जांच दल (SIT) ने की, जिसने करीब 2,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। जांच के दौरान टीम ने कुल 123 सबूत जुटाए। जांच टीम का नेतृत्व सीआईडी इंस्पेक्टर शोभा और उनकी टीम ने किया। इस मामले की सुनवाई 31 दिसम्बर, 2024 को शुरू हुई थी, जिसमें अदालत ने 23 गवाहों की गवाही दर्ज की। इसके अलावा कोर्ट ने वीडियो क्लिप्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट और घटनास्थल की निरीक्षण रिपोर्टों की भी समीक्षा की। ट्रायल मात्र सात माह में पूरा हो गया और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
