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कोरोना से लड़ाई : पीएम मोदी ने ‘काशी मॉडल’ को फिर सराहा, डॉक्यूमेंट्री बना कर पीएमओ जारी करेगा एडवाइजरी

कोरोना से लड़ाई : पीएम मोदी ने ‘काशी मॉडल’ को फिर सराहा, डॉक्यूमेंट्री बना कर पीएमओ जारी करेगा एडवाइजरी

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वाराणसी, 22 मई। भयावह कोरोना महामारी से लड़ाई में काशावासियों की जन सहभागिता ने नई मिसाल पेश की है। बाबा विश्वनाथ की नगरी ने स्वत: लॉकडाउन लगा कर पूरी दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया। इस बीच कोरोना से संघर्ष में खुद को काफी हद तक संभाल चुके वाराणसी के अधिकारियों, डॉक्टरों व आमजन से शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संवाद किया तो उन्होंने एक बार फिर खुले दिल से ‘काशी मॉडल’ की सराहना की।

प्रधानमंत्री मोदी की भी इच्छा है कि कोरोना से लड़ाई के ‘काशी मॉडल’ को पूरे देश में अपनाया जाए। इसी क्रम में काशीवासियों से पीएम के संवाद के बाद वाराणसी के प्रयासों पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) डाक्यूमेंट्री तैयार कर उसे पूरे देश में एडवाइजरी के साथ जारी करेगा।

  • कोरोना से लड़ाई में जन सहभागिता की अहम भूमिका रही

सच पूछें तो पीएम मोदी की सराहना वाले काशी मॉडल में ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट के समावेश के साथ जन सहभागिता की बड़ी भूमिका रही है। दरअसल, गत तीन अप्रैल से वाराणसी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हुई थी। लेकिन सबसे पहले शहर के व्यापारियों ने पहल कर स्वत: लॉकडाउन का निर्णय किया। इसके बाद संसाधनों को जुटाने में मदद के हाथ खूब बढ़े। डेढ़ माह के दौरान वाराणसी के अस्पताल ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हुए और इसमें सरकारी मदद नहीं के बराबर रही।

  • स्थानीय प्रशासन भी कदम से कदम मिलाकर मुस्तैद

स्थानीय प्रशासन भी कदम से कदम मिला कर इस लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक लाया। बीते डेढ़ में करीब 85 हजार लोग कोरोना जांच में पॉजीटिव पाए गए। इतनी ही संख्या में लक्षण वालों तक कोरोना किट पहुंचाकर आंशिक बीमार को अस्पताल आने से रोकने का प्रयास किया गया।

यही वजह थी कि गत 23 अप्रैल को नए संक्रमितों का दैनिक आंकड़ा जहां सर्वाधिक 2,700 था वहीं अब यह संख्या घटकर 250 के आस पास आ गई है। इसके अलावा गत 18 अप्रैल को संक्रमण दर 40.2 थी, जो अब कम होकर तीन प्रतिशत तक आ गई है।

  • काशी मॉडल में ऐसे चल रही कोरोना से लड़ाई

कोरोना से लड़ाई के क्रम में सुनियोजित योजना के तहत अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई गई। निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए और दवाओं की कलाबाजारी रोकने के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए। छोटे-छोटे कंटेनमेंट जोन बनाए गए। 438 सदस्यों की 174 निगरानी समितियां गठित गईं। हर समिति के सदस्यों को पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर और दवाओं की किट दी गई। ट्रेसिंग में कोई संदिग्ध मिला तो दवा शुरू करने के साथ ही उसका आरटी पीसीआर टेस्ट कराया गया।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि स्मार्ट सिटी कंपनी के सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तौर पर विकसित किया गया। कंटेनमेंट जोन की घेराबंदी समेत सभी कामों के लिए संबंधित विभागों की डेस्क बनाई गई। होम आइसोलेशन में रहने वालों के लिए और टेली मेडिसिन के लिए भी कमांड सेंटर में अलग डेस्क बनाई गई। 4,525 कंटेनमेंट जोन और 109 घनी बस्तियों में नियमित सेनिटाइजेशन किया जा रहा है। सभी विभागों की टीम के कार्य की दैनिक समीक्षा के साथ जवाबदेही तय की जाती है।

  • जिले में टीकाकरण अभियान भी तेजी से चल रहा

वर्चुअल बैठक में वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को यह भी बताया कि कोरोना टीकाकरण का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा है। अब तक जिले में 4,25,000 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। 3,37,000 को पहली और 90,000 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। वहीं टीके की बेकार होने वाली डोज सात प्रतिशत से घटकर 1.94 तक आ गई है।

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