1. Home
  2. हिंदी
  3. राजनीति
  4. ईडी का स्पष्टीकरण- मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया
ईडी का स्पष्टीकरण- मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया

ईडी का स्पष्टीकरण- मनीष सिसोदिया के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया

0
Social Share

नई दिल्ली, 24 अगस्त। प्रवर्तन निदेशालय ने मीडिया में जारी उन खबरों का खंडन किया है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दिल्ली आबराकी नीति से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने इस आशय की पुष्टि की। इससे पहले जांच एजेंसी में एक अतिरिक्त निदेशक ने कहा था कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ दिल्ली आबकारी नीति के संबंध में मामला दर्ज किया गया है।

ईडी द्वारा यह स्पष्टीकरण प्रवर्तन निदेशालय की अतिरिक्त निदेशक सोनिया नारंग द्वारा एक समाचार एजेंसी को रिकॉर्ड पर पुष्टि करने के तुरंत बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मामला दर्ज किया था। बाद में ‘आप’ सरकार ने आबकारी नीति को वापस ले लिया। सीबीआई ने पिछले हफ्ते दिल्ली की आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में सिसोदिया के आधिकारिक आवास पर छापेमारी की थी और कई अन्य स्थानों पर भी तलाशी ली थी। इसके साथ ही दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण के परिसरों सहित सात राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में छापेमारी की गई थी।

सिसोदिया सहित 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की है प्राथमिकी

मनीष सिसोदिया उन 15 लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले में आबकारी अधिकारियों, कुछ शराब कम्पनी के अधिकारियों, डीलरों के साथ कुछ अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि “मामले में तथ्य प्रथम दृष्टया अपराधों के कमीशन का खुलासा करते हैं” आरोपी के खिलाफ धारा 120-बी, 477 ए आईपीसी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत दंडनीय है।

सीबीआई ने बीते रविवार को आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के लिए आठ आरोपितों – सभी निजी व्यक्तियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था। यह आरोप लगाया गया था कि आबकारी नीति में संशोधन सहित अनियमितताएं की गई थीं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था, जिसमें लाइसेंस शुल्क में छूट या कमी, अनुमोदन के बिना एल -1 लाइसेंस का विस्तार आदि शामिल थे।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code