चुनावी बॉण्ड को लेकर कांग्रेस का हमला – “सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की ‘कुटिल साजिशों’ को प्रमाणित कर दिया है”
नई दिल्ली, 11 मार्च। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉण्ड के मसले पर भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका खारिज करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोमवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने मोदी शासन की ‘कुटिल साजिशों’ से भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की है।
कांग्रेस ने इसके साथ देश के प्रमुख बैंक एसबीआई की भी जमकर आलोचना की और कहा कि यह बेहद हास्यास्पद है कि बैंक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए निर्धारित समय के भीतर चुनावी बॉण्ड से संबंधित आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं सका।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने सोशल प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर किये एक पोस्ट में लिखा, “सर्वोच्च न्यायालय एक बार फिर भारतीय लोकतंत्र को इस शासन की कुटिल चालों से बचाने के लिए सामने आया है। एसबीआई के लिए एक दिन की साधारण नौकरी के लिए एक्सटेंशन की मांग करना हास्यास्पद था। सच तो यह है कि सरकार अपने सभी ढांचे ढह जाने से डरी हुई है।”
‘चुनावी बॉण्ड योजना एक बड़ा राजनीतिक भ्रष्टाचार घोटाला‘
केसी वेणुगोपाल ने यह भी दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रमाणित किया है कि मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई चुनावी बॉण्ड योजना एक बड़ा राजनीतिक भ्रष्टाचार घोटाला है। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रमाणित यह मेगा भ्रष्टाचार घोटाला भाजपा और उसके भ्रष्ट कॉर्पोरेट आकाओं के बीच अपवित्र सांठगांठ को उजागर करेगा।”
The Supreme Court has once again come to protect Indian democracy from the devious machinations of this regime.
It was laughable for the SBI to seek an extension on a simple 1 day job. The fact is that the government is scared of all their skeletons tumbling out of the closet.… https://t.co/bxGMxNpTqB
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) March 11, 2024
शीर्ष कोर्ट ने SBI को संबंधित विवरण मंगलवार तक जमा करने को कहा
इसके पूर्व दिन में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई के उस अनुरोध को खारिज कर दिया है, जिसमें चुनावी बॉण्ड का विवरण प्रस्तुत करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई थी। अदालत ने बैंक को 12 मार्च के कामकाजी घंटों तक चुनावी बॉण्ड से संबंधित सारे विवरण जमा करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही चुनाव आयोग को भी आदेश दिया है कि वो 15 मार्च के शाम में पांच बजे तक अपनी वेबसाइट राजनीतिक दलों को मिले चंदे की जानकारी अपलोड करे।
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि उसने जानकारी इकट्ठा करने के लिए पिछले 26 दिनों में क्या कदम उठाए हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुआई वाली संवैधानिक पीठ ने एसबीआई के पूछा, “पिछले 26 दिनों में आपने क्या कदम उठाए हैं? आपका आवेदन उस पर चुप है।” कोर्ट ने एसबीआई को बेहद सख्त लहजे में चेतावनी दी है कि अगर उसने उसके आदेश का पालन नहीं किया तो बैंक के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की काररवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बीते चार मार्च को एसबीआई ने शीर्ष अदालत से समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने के लिए कहा था और उसने तर्क दिया था कि 12 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 तक जानकारी इकट्ठा करने में समय लगेगा और चूंकि चुनावी बॉण्ड की जानकारी गुप्त रखी जाती है। इस कारण से मामले की जानकारी जुटाने में जटिलताएं आ रही हैं। बैंक के अनुसार 2019 से 2024 तक अलग-अलग राजनीतिक दलों को चंदा देने में कुल 22,217 चुनावी बॉण्डों का उपयोग किया गया है।