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सीएम योगी ने पूछा – संभल में 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने नरसंहार किया, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली?

सीएम योगी ने पूछा – संभल में 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने नरसंहार किया, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली?

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लखनऊ, 15 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के मुस्लिम इलाके में अति प्राचीन मंदिर मिलने पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सवाल उठाया है कि 46 वर्ष पहले संभल में जिन दरिंदों ने नरसंहार किया था, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली। सीएम योगी ने रविवार को मीडिया के एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की और साथ ही हालिया संभल हिंसा को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा देश की संसद में उठाए गए मुद्दों को जनता के समक्ष रखते हुए कहा कि भारत की विरासत के प्रति बोलने वालों को धमकी दी जाती है।

विपक्षी दलों के लोगों की मानसिकता को उजागर करने की जनता से अपील

सीएम योगी ने सच को दबाने वाले, संविधान का गला घोंटने वाले विपक्षी दलों के लोगों की मानसिकता को उजागर करने की जनता से अपील की। उन्होंने कहा कि शनिवार को संसद में चर्चा संविधान पर हो रही थी और विपक्षी दल मुद्दा संभल का उठा रहे थे। जो विपक्षी दल संसद में संभल के मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर आरोप लगा रहे थे, इन्हीं के समय में 46 वर्ष पहले संभल में जिस मंदिर को बंद कर दिया गया, वह मंदिर फिर से सबके सामने आ गया। देश और प्रदेश की जनता के सामने विपक्षी दलों की वास्तविकता सामने आ गई है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि संभल में इतना प्राचीन मंदिर, बजरंग बली की प्राचीन मूर्ति और ज्योतिर्लिंग रातों-रात तो नहीं आया होगा। उन्होंने कहा कि 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने संभल के अंदर नरसंहार किया था, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली। 1978 में संभल में जिनकी निर्मम हत्या हुई, उन निर्दोषों का क्या कसूर था, जो भी सच बोलेगा, उसे धमकी दी जाएगी, मुंह बंद कराने का प्रयास होगा।

विरासत के प्रति बोलने वालों को मिलती है धमकी

मुख्यमंत्री योगी ने यह दावा करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि जो लोग भारत का ठेका लेकर घूमते हैं और डिस्कवरी ऑफ इंडिया को भारत का सबसे प्राचीन ग्रंथ मानते हैं। वे संविधान के नाम पर पाखंड कर रहे हैं। नौ नवम्बर, 2019 को उच्चतम न्यायालय ने श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित फैसला दिया, लेकिन ऐसे लोग आज भी जज को धमकी देते हैं। राज्यसभा के सभापति (उप राष्ट्रपति) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनकी आवाज को दबाना चाहते हैं। सभापति ने कर्तव्यों के निर्वहन की बात की और कहा कि सदन चलना चाहिए। जनता से जुड़े मुद्दे सदन में रखे जाने चाहिए।

न्यायमूर्ति शेखर यादव के कथन का भी बचाव किया

सीएम योगी ने न्यायमूर्ति शेखर यादव के कथन का भी बचाव किया। उन्होंने एक न्यायमूर्ति ने समान नागरिक संहिता की बात कही। दुनिया में बहुसंख्यक समाज की भावना का सम्मान हर हाल में होता है। भारत में बहुसंख्यक समाज के हितों की चर्चा हुई, सच्चाई बोलना अपराध नहीं है।

सच को दबाने वाले ऐसे लोगों को नंगा करना चाहिए

फिर भी राज्यसभा में विपक्षी दलों ने न्यायमूर्ति के खिलाफ महाभियोग की नोटिस दी है। वास्तव में विपक्षी दल अब सच बोलने वाले को महाभियोग का धौंस देकर उसके मुंह को बंद करने का प्रयास कर रहे हैं और संविधान की दुहाई दे रहे हैं। विपक्षी दलों का यह दोहरा चरित्र नहीं चलेगा। सच को दबाने वाले ऐसे लोगों को नंगा करना चाहिए।

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