भुवनेश्वर, 25 अक्टूबर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को दावा किया कि भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण राज्य में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है और इस तरह हमारा ‘शून्य मानवीय क्षति मिशन’ सफल रहा। ओडिशा के तट पर भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के पहुंचने की प्रक्रिया गुरुवार देर रात शुरू होकर शुक्रवार सुबह पूरी हो गई।‘दाना’ को ओडिशा तट पर पहुंचने में साढ़े आठ घंटे का समय लगा।
माझी ने यहां चक्रवात की स्थिति की समीक्षा की और बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। माझी ने घोषणा की, “चक्रवाती तूफान ‘दाना’ के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने की कोई सूचना नहीं है। सभी के सहयोग से हमारा ‘शून्य मानवीय क्षति मिशन’ सफल रहा है।”
उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती प्रणाली बनने से पहले ओडिशा सरकार ने ‘शून्य मानवीय क्षति’ का लक्ष्य रखा था और तैयारी के पहले दिन से ही उस दिशा में काम किया गया। माझी ने कहा कि बहुमूल्य मानव जीवन को बचाने के लिए लगभग छह लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
उन्होंने मंत्रियों, विधायकों, अन्य जनप्रतिनिधियों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ), अग्निशमन सेवा, ओडिशा पुलिस की बचाव टीम, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मीडिया और अन्य सहित सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हुए कहा, “भगवान जगन्नाथ की कृपा और सभी के सहयोग से सरकार मानव जीवन बचाने में सफल रही है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि चक्रवाती तूफान के कारण उखड़े हुए पेड़ों से अवरुद्ध सभी सड़कें शुक्रवार दोपहर एक बजे तक साफ कर दी जाएंगी क्योंकि बचाव दल के कर्मियों ने बृहस्पतिवार रात हवा की तीव्रता कम होते ही काम शुरू कर दिया था। माझी ने कहा कि तूफान के कारण बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर जैसे कई विद्युत प्रतिष्ठान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और उनकी मरम्मत की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 1,600 नवजात बच्चे और उनकी माताएं स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 4,431 गर्भवती महिलाओं को नजदीकी स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में पहुंचाया, जहां 1,600 बच्चों का जन्म हुआ। उन्होंने कहा, “मुझे यह बताते हुए हुए खुशी हो रही है कि सभी 1600 नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य अच्छा है और उनकी माताएं भी ठीक हैं।”
माझी ने कहा कि चक्रवाती तूफान ‘दाना’में हवा की रफ्तार अब कम हो गई है और यह क्योंझर जिले के आनंदपुर की ओर बढ़ रहा है। इसके बाद यह ढेंकनाल और अंगुल जिले की ओर जाएगा।