सुप्रीम कोर्ट अब दाखिल और सूचीबद्ध मुकदमों की जानकारी Whatsapp के जरिए देगा : CJI चंद्रचूड़
नई दिल्ली, 25 अप्रैल। भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट Whatsapp संदेशों के माध्यम से अधिवक्ताओं को वाद सूची और मामलों को दाखिल करने और सूचीबद्ध करने से संबंधित जानकारी साझा करना शुरू करेगा।
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने याचिकाओं से उत्पन्न एक जटिल कानूनी सवाल पर सुनवाई शुरू करने से पहले न्यायमूर्ति चंड्रचूड़ ने यह घोषणा की। याचिकाओं से यह सवाल निकलकर सामने आया कि क्या निजी सम्पत्तियों को संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत ‘समुदाय के भौतिक संसाधन’ माना जा सकता है, जो राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (डीपीएसपी) का एक हिस्सा है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ’75वें वर्ष में उच्चतम न्यायालय ने एक पहल की है, जिसमें न्यायालय की आईटी सेवाओं के साथ Whatsapp संदेशों को एकीकृत कर न्याय तक पहुंच को और मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा गया है।’ उन्होंने कहा कि अब अधिवक्ताओं को मुकदमा दाखिल करने के बारे में ऑटोमेटेड संदेश प्राप्त होंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता बोले – ‘यह एक क्रांतिकारी कदम है’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि वाद सूची के प्रकाशित होने के बाद बार सदस्यों को उनके मोबाइल फोन पर सूची प्राप्त होगी। वाद सूची का मतलब एक तय तिथि पर अदालत द्वारा मुकदमे पर होनी वाली सुनवाई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘यह एक क्रांतिकारी कदम है।’
प्रधान न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत का आधिकारिक Whatsapp नंबर भी साझा किया और कहा कि इस पर कोई संदेश और कॉल प्राप्त नहीं होगा। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘इससे हमारी कामकाजी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा और कागजात बचाने में काफी मदद मिलेगी।’ सीजेआई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत न्यायपालिका के कामकाज को डिजिटल बनाने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना के लिए सात हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।