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यूपी कांग्रेस को मुख्य निर्वाचन अधिकारी का जवाब – नगर निगम मतदाता सूची में त्रुटि के लिए ECI को जिम्मेदार ठहराना अनुचित

यूपी कांग्रेस को मुख्य निर्वाचन अधिकारी का जवाब – नगर निगम मतदाता सूची में त्रुटि के लिए ECI को जिम्मेदार ठहराना अनुचित

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लखनऊ, 13 अगस्त। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यूपी कांग्रेस के उस पोस्ट का खंडन किया है, जिसमें मतदाता सूची में गड़बड़ी और ‘वोट चोरी’ का दावा किया गया है। कांग्रेस ने एक पोस्ट में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पर सवाल उठाया है, जिसका जवाब मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दिया है।

ज्ञातव्य रहे कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने दावा किया है कि वाराणसी में एक मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति के नाम पर 50 लोगों के नाम दर्ज हैं। इस लिस्ट के आधार पर कांग्रेस ने सीधे तौर पर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया है।

वहीं, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (यूपी सीईओ) ने कांग्रेस के इन आरोपों का खंडन किया है। आयोग का कहना है कि मतदाता सूची में त्रुटियां हो सकती हैं, लेकिन इसे सीधे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए इस्तेमाल करना उचित नहीं है। आयोग ने कहा कि एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दल की प्रदेश इकाई द्वारा इस मतदाता सूची में हुई त्रुटि के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर इशारा किया जाना नैतिक रूप से उचित नहीं है।

वाराणसी में एक व्यक्ति के नाम पर 50 बेटों का रिकॉर्ड दर्ज

यूपी कांग्रेस की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक मतदाता सूची की फोटो को पोस्ट किया गया। कांग्रेस ने कहा, “वाराणसी में चुनाव आयोग का एक और चमत्कार देखिए। मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति ‘राजकमल दास’ के नाम पर 50 बेटों का रिकॉर्ड दर्ज है। सबसे छोटा बेटा राघवेंद्र – उम्र 28 साल, और सबसे बड़ा बेटा बनवारी दास – उम्र 72 साल। क्या चुनाव आयोग इस गड़बड़ी को भी सिर्फ त्रुटि कहकर टाल देगा या मान लेगा कि फर्जीवाड़ा खुल्लमखुल्ला चल रहा है?” पोस्ट में आगे लिखा गया, ‘वोट चोरी की यह घटना बता रही है कि सिर्फ बनारस के लोग ही नहीं, बल्कि पूरा लोकतंत्र ठगा गया है। चुनाव आयोग इसके लिए शपथ पत्र कब दे रहा है?’

कांग्रेस के इस पोस्ट पर जवाब देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (यूपी) ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 के प्रावधानों के अनुसार लोकसभा एवं विधानसभा की निर्वाचक नामावली तैयार करने का कार्य भारत निर्वाचन आयोग करता है तथा अनुच्छेद 243 में पंचायतों के लिए एवं अनुच्छेद 243 य क में नगर निकायों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार करने का कार्य राज्य निर्वाचन आयोग करता है।

सीईओ ने पोस्ट में आगे बताया, “दिखाई गई मतदाता सूची के ऊपर नगर निगम निर्वाचक नामावली लिखा हुआ है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह मतदाता सूची नगर निगम की है ना कि लोकसभा अथवा विधानसभा की। दिखाई गई मतदाता सूची में मतदाताओं की फोटो नहीं है, जबकि लोकसभा एवं विधानसभा की मतदाता सूची में मतदाताओं की फोटो होती है।”

मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दल का कृत्य नैतिक रूप से उचित नहीं

सीईओ ने एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के तौर पर कांग्रेस की ओर से भारत के निर्वाचन आयोग पर निशाना साधने को नैतिक तौर पर अनुचित बताया। आयोग ने पोस्ट में कहा, “ऐसी स्थिति में एक मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दल की प्रदेश इकाई द्वारा इस मतदाता सूची में हुई त्रुटि के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर इशारा किया जाना नैतिक रूप से उचित नहीं है।” उल्लेखनीय है कि विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस, ने महाराष्ट्र, बिहार और अब उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाया है।

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