दलाल स्ट्रीट में मचा कोहराम : सेंसेक्स और निफ्टी ने लगाया बड़ा गोता, एक झटके में निवेशकों के 15.5 लाख करोड़ डूबे
मुंबई, 5 अगस्त। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की बढ़ती आशंका और जापान के निक्की सहित अन्य वैश्विक बाजारों में मची उथल-पुथल के चलते कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को दलाल स्ट्रीट में भी कोहराम मच गया। दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट के रुख के बीच बैंक, आईटी, धातु तथा तेल एवं गैस शेयरों में चौतरफा बिकवाली से घरेलू शेयर बाजार नीचे आया। नतीजा यह हुआ कि शेयर बाजार में निवेशकों के एक ही झटके में लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
दो कारोबारी सत्रों में दोनों मानक सूचकांक 4 प्रतिशत गिरे
भारतीय शेयर बाजार के दोनों मानक सूचकांक – सेंसेक्स व निफ्टी बड़ा गोता लगाते हुए 2.5 फीसदी से अधिक टूटकर बंद हुए। सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को भी एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी। इस प्रकार, पिछले दो कारोबारी सत्रों में दोनों मानक सूचकांकों में करीब चार प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
सेंसेक्स 2,222.55 अंक लुढ़का, 4 जून के बाद एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 2,222.55 अंक यानी 2.74 प्रतिशत लुढ़क कर एक माह से अधिक के निचले स्तर 78,759.40 अंक पर बंद हुआ। बाजार में चार जून, 2024 के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन यह 2,686.09 अंक टूटकर 78,295.86 अंक पर बंद हुआ था।
निफ्टी भी 662.10 अंक गिरकर 24,055.60 पर बंद
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक निफ्टी भी 662.10 अंक यानी 2.68 प्रतिशत का गोता लगाकर 24,055.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 824 अंक लुढ़क कर 23,893.70 अंक तक आ गया था।
निफ्टी में भी चार जून के बाद यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन आम चुनाव के नतीजों के बाद निफ्टी यह 1,379.40 अंक या 5.93 प्रतिशत के बड़े नुकसान के साथ 21,884.50 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी से संबद्ध 50 कम्पनियों में सिर्फ चार के शेयर हरे निशान में बंद हुए जबकि 44 में गिरावट दर्ज की गई।
स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों की हालत और खराब
स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में कहीं तेज बिकवाली दिखी। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 3.6 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 4.21 फीसदी टूटकर बंद हुए। बीएसई के सभी सेक्टरोल इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुए। मेटल, रियल्टी, कैपिटल गुड्स और यूटिलिटी शेयरों के इंडेक्स ने चार फीसदी से भी अधिक गिरावट दर्ज की।
सेंसेक्स से संबद्ध कम्पनियों में सिर्फ दो के शेयर चढ़े
घरेलू बाजार में गिरावट इतनी तेज थी कि सेंसेक्स से संबद्ध 30 कम्पनियों में सिर्फ दो के शेयर बढ़े नजर आए जबकि 28 लाल निशान में बंद हुए। इसमें हिन्दु्स्तान यूनिलीवर 0.97 फीसदी और नेस्ले इंडिया का स्टॉक 0.75 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए। वहीं टाटा मोटर्स का शेयर 7.38 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स रहा। इसके अलावा अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पावर ग्रिड के शेयर 4.19% से लेकर 5.83% की गिरावट के साथ बंद हुए।
दो दिनों में निवेशकों को 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
बीएसई में लिस्टेड कम्पनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज घटकर 441.66 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पिछले कारोबारी दिन यानी शुक्रवार, दो अगस्त को 457.16 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह BSE में लिस्टेड कम्पनियों का मार्केट कैप आज करीब 15.5 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है। निवेशकों को शुक्रवार को 4.46 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस प्रकार दो दिनों में उन्हें 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।
जापान के निक्की में 37 वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट
वैश्विक स्तर पर जापान का मानक सूचकांक निक्की 4,451.28 अंक यानी 12.4 प्रतिशत टूटकर 31,458.42 अंक पर बंद हुआ। यह शुक्रवार को 5.8 प्रतिशत टूटा था। कुल मिलाकर दो दिन में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है। 37 वर्ष पहले 19 अक्टूबर, 1987 को यह 3,836 अंक यानी 14.9 प्रतिशत टूटा था। उस समय वैश्विक बाजारों में गिरावट को ‘काला सोमवार’ नाम दिया गया था।
विश्लेषकों का कहना है कि पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से बाजार धारणा प्रभावित हुई है। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में तेज गिरावट आई। यूरोपीय बाजारों में भी कारोबार के दौरान तेज गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी बाजार में भी शुक्रवार को उल्लेखनीय गिरावट रही थी।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 3,310 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.33 डॉलर प्रति बैरल रहा।