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बाली में चीन व अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच द्वपक्षीय बैठक, जिनपिंग व बाइडेन ने आशंकित परमाणु युद्ध को लेकर जताई चिंता

बाली में चीन व अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच द्वपक्षीय बैठक, जिनपिंग व बाइडेन ने आशंकित परमाणु युद्ध को लेकर जताई चिंता

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बाली (इंडोनेशिया), 14 नवम्बर। रूस और यूक्रेन में जारी खूनी जंग के बीच अमेरिका और चीन परमाणु युद्ध को लेकर बैकफुट पर हैं। बाली में मंगलवार से आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले व्यक्तिगत मुलाकात के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष जो बाइडेन ने कहा कि किसी भी हालात में परमाणु युद्ध नहीं लड़ा जाना चाहिए। रूस की ओर से यूक्रेन को दी जा रही परमाणु धमकियों की भी दोनों देशों ने निंदा की है।

इससे पहले अमेरिका कई बार रूस को यूक्रेन युद्ध को लेकर चेतावनी दे चुका है। अमेरिका ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर पुतिन ने यूक्रेन में परमाणु हथियारों का प्रयोग किया तो अमेरिका रूस को तबाह कर देगा।

वहीं, चीन ने भी देश की सुरक्षा को खतरा बताते हुए अपनी सेना को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया था। चीन के एक अधिकारी ने कहा था कि चीनी आर्मी को हमेशा कमान के तीर की तरह तैयार रहना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके सैनिक हर समय लड़ने के लिए तैयार हैं।

परमाणु हथियार से कभी नहीं जीती जा सकती है जंग

द्विपक्षीय बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ह्वाइट हाउस ने जारी एक बयान में कहा – राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात को दोहराया है कि परमाणु युद्ध कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए। बयान में दोनों देशों ने यह भी कहा है कि परमाणु हथियार से कभी भी युद्ध नहीं जीता जा सकता।

बाइडेन-जिनपिंग की पहली मुलाकात

बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद जिनपिंग के साथ यह उनकी पहली निजी मुलाकात थी। जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में पहले से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि दोनों देशों के बीच यूक्रेन युद्ध पर बातचीत हो सकती है। मुलाकात से पहले भी ह्वाइट हाउस ने बयान जारी किया था और कहा था – दोनों नेताओं के बीच विकास और भलाई के लिए जो भी जरूरी मसले होंगे, उन पर बातचीत करेंगे।

पीएम मोदी भी करेंगे मुलाकात

उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जी-20 बैठक में शामिल होने के लिए इंडोनेशिया पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी वहां लगभग 20 कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वह 10 वैश्विक नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा के अनुसार, पीएम मोदी किन-किन नेताओं से मिलेंगे, यह तय नहीं हुआ है। 15 और 16 नवम्बर को जी-20 बैठक आयोजित होगी। कार्यक्रम के समापन के बाद इसकी अध्यक्षता भारत को सौंप दी जाएगी।

क्या है G-20 सम्मेलन

जी-20 की स्थापना 1999 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के सहयोग से की गई थी। G-20 समूह में दुनिया के विकसित और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देश शामिल हैं। इस समूह में 19 देश और यूरोपीय यूनियन शामिल है। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की लगभग दो तिहाई आबादी G-20 समूह के देशों में बसी है।

भारत, चीन, रूस भी शामिल

इस समूह में भारत, चीन, रूस, सऊदी अरब, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, तुर्की, कोरिया गणराज्य, जापान, मेक्सिको, सऊदी अरब, इटली, फ्रांस, इंडोनेशिया, कनाडा, ब्राजील, आस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका और यूरोपीय यूनियन शामिल हैं।

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