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महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार : अजित पवार ने पाया मनचाहा वित्त मंत्रालय, एनसीपी को मिले ये विभाग

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार : अजित पवार ने पाया मनचाहा वित्त मंत्रालय, एनसीपी को मिले ये विभाग

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मुंबई, 14 जुलाई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से बगावत कर बतौर उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार के शामिल होने के बाद से ही कैबिनेट विस्तार को लेकर जारी अटकरों पर शुक्रवार को विराम लग गया। डिप्टी सीएम अजित पवार मनचाहे वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी पाने में सफल रहे। उनके हिस्से योजना विभाग भी आया है। वहीं उनके साथ शरद पवार का साथ छोड़कर आए एनसीपी नेता छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और हसन मुशरीफ को भी अहम विभाग मिले हैं।

दिलचस्प यह रहा कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने इस मंत्रिमंडल विस्तार में एनसीपी के लिए त्याग किया। मसलन, भाजपा ने अधिकतर विभाग खोकर एनसीपी के नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी है जबकि सीएम एकनाथ शिंदे को अपना कृषि विभाग गंवाना पड़ा है। हालांकि एनसीपी की ओर से हुई कड़ी सौदेबाजी में सीएम शिंदे, भाजपा पर भारी पड़े हैं।

दरअसल, लंबी जद्दोजेहद के बाद सीएम शिंदे ने एनसीपी के नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगाई। एनसीपी के कोटे में सात महत्वपूर्ण मंत्रालय आ गए हैं, जिनमें वो वित्त मंत्रालय भी शामिल है जिसे लेकर काफी दिनों से रस्साकशी चल रही थी। इसके अलावा एनसीपी को योजना, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, सहकारी समितियां, महिला और बाल विकास, कृषि, राहत और पुनर्वास, चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय भी मिल गया है।

ऐसे हुआ विभागों का बंटवारा

  • वित्त – अजित पवार।
  • कृषि – धनंजय मुंडे।
  • सहकार – दिलीप वलसे पाटिल।
  • चिकित्सा शिक्षा – हसन मुश्रीफ।
  • खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति – छगन भुजबल।
  • खाद्य एवं औषधि प्रशासन – धर्मराव अत्राम।
  • खेल – अनिल भाईदास पाटिल।
  • महिला एवं बाल कल्याण – अदिति तटकरे।

अजित पवार गुट वित्त व सहकारिता मंत्रालय को लेकर आक्रामक था

बताया जा रहा है कि वित्त और सहकारिता मंत्रालय को लेकर एनसीपी व शिंदे गुट के बीच खींचतान चल रही थी, जिसके चलते विभागों का बंटवारा अब तक नहीं हो सका था। दरअसल, अजित पवार गुट वित्त के साथ ही सहकारिता मंत्रालय को लेकर आक्रामक था क्योंकि यह एनसीपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण था।

ज्ञातव्य है कि दर्जनभर से अधिक एनसीपी नेता सहकारी या निजी चीनी कारखाने चला रहे हैं। साथ ही उनका सहकारी बैंकों पर भी नियंत्रण है। उन्हें दोनों क्षेत्रों में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में अब उनके पास सहकारी मंत्रालय होगा तो उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से हो सकेगा।

गौरतलब है कि गत रविवार (2 जुलाई) को अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री और छगन भुजबल, दिलीप वलासे पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, संजय बनसोडे, अदिति तटकरे और धर्मरावबाबा अत्राम ने मंत्री पद की शपथ ली थी।

शरद पवार गुट ने बागी विधायकों को निलंबित करने की मांग की है

हालांकि एनसीपी संस्थापक शरद पवार गुट ने उन नौ विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की मांग की है, जिन्होंने अजित पवार का समर्थन किया है और शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है। इन विधायकों के खिलाफ एनसीपी विधायक और ग्रुप लीडर जयंत पाटिल ने विधानसभा स्पीकर हाउस में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि इन विधायकों को अस्थायी तौर पर निलंबित करने की काररवाई की जाए।

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