ट्रंप के टैरिफ दबाव के बीच रूस ने भारत के लिए तेल को और सस्ता किया
मॉस्को, 2 सितम्बर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत को दी जा रही टैरिफ की धमकियों की अनदेखी कर भारत लगातार रूस से तेल खरीद रहा है। इस बीच मीडिया में जारी खबरों के अनुसार भारतीय रिफाइनरियों के लिए रूसी कच्चा तेल अब और सस्ता हो गया है। दरअसल, रूस ने भारत को दिए जाने वाले तेल पर छूट को बढ़ाकर 3-4 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है। पिछले सप्ताह यह छूट 2.50 डॉलर थी जबकि जुलाई में एक डॉलर प्रति बैरल थी। सितम्बर और अक्टूबर में भारत को भेजे जाने वाले तेल पर ये नई दरें लागू होंगी।
ट्रंप ने भारत पर टैरिफ दोगुना किया
उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह भारत पर टैरिफ को दोगुना कर 50 प्रतिशत कर दिया, ताकि रूस से तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने के लिए भारत को सजा दी जा सके। 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से नई दिल्ली रूसी कच्चे तेल का प्रमुख आयातक बन गया है। वॉशिंगटन की बार-बार आलोचना के बावजूद भारत मॉस्को और बीजिंग के करीब आ रहा है। शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत और रूस के बीच ‘विशेष’ संबंध हैं। इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और दोनों देशों ने प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि साझेदार बनने का वादा किया।
रूसी युद्ध मशीन को बढ़ावा
वहीं ह्वाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि यूक्रेन पर पुतिन के हमले से पहले भारत रूसी तेल की खरीद तो दूर, बहुत कम मात्रा में तेल लेता था। अब रूस सस्ता तेल देता है, भारत उसे रिफाइन करता है और फिर यूरोप, अफ्रीका और एशिया में प्रीमियम पर बेचता है। यह रूसी युद्ध मशीन को बढ़ावा देता है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक
वस्तुतः भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। उसने 2022 से रूस से कच्चे तेल की खरीद को एक प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर लिया है। 2024-25 में भारत ने 5.4 मिलियन बैरल प्रतिदिन के आयात में से 36 प्रतिशत तेल रूस से लिया, जो इराक, सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका से आयातित तेल से कहीं अधिक है। भारत ने स्पष्ट किया है कि रूस के साथ उसका ऊर्जा व्यापार पूरी तरह वैध है और कोई भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध कच्चे तेल की खरीद पर रोक नहीं लगाता।
