विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा को दी जानकारी – भारत व चीन के संबंधों में हुआ सुधार, बातचीत जारी रखने को सरकार प्रतिबद्ध
नई दिल्ली, 3 दिसम्बर। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को लोकसभा को जानकारी दी कि भारत-चीन संबंधों में सुधार हुआ है। इस क्रम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगे क्षेत्रों में अक्टूबर में हुए गश्त समझौते सहित सीमा संबंधी मुद्दों को सुलझाया गया। इसी क्रम में उन्होंने चीन के साथ बातचीत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
डॉ. एस. जयशंकर ने सदन को बताया, ‘चीनी काररवाइयों के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द भंग होने के बाद 2020 से भारत-चीन संबंध असामान्य रहे हैं। यह हमारे बलों का श्रेय है कि उन्होंने रसद चुनौतियों और कोविड के बावजूद चीनी सैनिकों का तेजी से मुकाबला किया।’
My statement in Lok Sabha regarding ‘recent developments in India’s relations with China’.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 3, 2024
जयशंकर ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों ने भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। भारत सीमा समाधान के लिए एक निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य ढांचा स्थापित करने के लिए चीन के साथ बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अब द्विपक्षीय जुड़ाव के अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे
विदेश मंत्री ने कहा, ‘आने वाले दिनों में हम सीमा क्षेत्रों में तनाव कम करने और गतिविधियों के प्रभावी प्रबंधन दोनों पर चर्चा करेंगे। विघटन चरण के समापन से अब हम अपने द्विपक्षीय जुड़ाव के अन्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। इससे पहले सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार तनाव और विशेष घटनाक्रमों के कारण चीन के साथ हमारे समग्र संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय था।’
विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव स्तर की बैठक जल्द बुलाई जाएगी
उन्होंने कहा, ‘अगली प्राथमिकता तनाव कम करने पर विचार करना होगी, जिससे एलएसी पर सैनिकों की तैनाती को रोका जा सके। तत्काल प्राथमिकता टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करना है, जिसे पूरी तरह हासिल कर लिया गया है। हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को सर्वोपरि रखते हुए, विदेश मंत्री वांग यी के साथ मेरी हाल की बैठक में हम इस बात पर सहमत हुए कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव स्तर की बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी।’
जयशंकर ने कहा कि भारत सीमा मुद्दे के निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान को प्राप्त करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से चीन के साथ जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाल के अनुभवों के मद्देनजर सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी। उन्होंने सभी परिस्थितियों में बनाए रखने के लिए तीन प्रमुख सिद्धांतों को रेखांकित किया।