रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में तीनों सेनाओं का पहला संयुक्त कमांडर सम्मेलन लखनऊ में आज से
नई दिल्ली, 3 सितम्बर। देश की सुरक्षा चुनौतियों से निबटने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में बुधवार, चार सितम्बर से लखनऊ स्थित मध्य कमान मुख्यालय में तीनों सेनाओं का पहला संयुक्त कमांडर सम्मेलन आयोजित किया गया है। ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ थीम पर होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में सेनाओं के प्रक्रियागत सुधार, संयुक्तता और आत्मनिर्भरता के माध्यम से सशस्त्र बलों में बदलाव पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सम्मेलन का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत : सशस्त्र बलों में परिवर्तन’
सभी सैन्य कमांडरों के साथ एक ही स्थान पर सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा के लिए रक्षा मंत्री स्तर की यह नई पहल है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान सम्मेलन का उद्घाटन भाषण देंगे। सम्मेलन का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत : सशस्त्र बलों में परिवर्तन’ रखा गया है।
रक्षा मंत्री 5 सितम्बर को शीर्ष स्तरीय सैन्य नेतृत्व को संबोधित करेंगे
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सम्मेलन के दूसरे व अंतिम दिन पांच सितम्बर को रक्षा तैयारियों की समीक्षा करेंगे और शीर्ष स्तरीय सैन्य नेतृत्व को संबोधित करेंगे। सम्मेलन में शीर्ष शैन्य अधिकारी क्षेत्रीय और वैश्विक वातावरण में मौजूदा अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए संभावित परिचालन का पता लगाएंगे। साथ ही भविष्य के युद्धों के लिए एक मजबूत अवधारणा विकसित करने के लिए खतरे और संसाधनों का मिलान किया जाएगा।
यह सम्मेलन कमांडरों को सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण योजनाओं की समीक्षा करने और तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल के माध्यम से राष्ट्र की रक्षा क्षमता सुधार के तरीकों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा। थिएटर कमांड के निर्माण की दिशा में स्वतंत्रता के बाद रक्षा बलों का सबसे बड़ा परिवर्तन भी बैठक के एजेंडे में होगा।
अब हर वर्ष संयुक्त कमांडर सम्मेलन का आयोजन होगा
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री अब हर दो वर्ष में एक बार संयुक्त कमांडर सम्मेलन में सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे और रक्षा मंत्री के नेतृत्व में हर वर्ष संयुक्त सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। देश के शीर्ष रक्षा अधिकारी सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे कि भविष्य के युद्ध कैसे लड़े जाएं और भारतीय सशस्त्र बल थिएटर कमांड में परिवर्तन के माध्यम से सुरक्षा चुनौतियों से कैसे निबटें। सम्मेलन में रक्षा बलों के विभिन्न निदेशालय अपनी-अपनी प्रस्तुतियां भी देंगे, जिसमें परिचालन भी शामिल है। सम्मेलन में सेनाओं की विभिन्न ‘मेक इन इंडिया’ पहलों और उनकी प्रगति पर भी चर्चा होगी।