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पेरिस ओलम्पिक में भारत को तीसरा पदक : स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में कांस्य जीता

पेरिस ओलम्पिक में भारत को तीसरा पदक : स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में कांस्य जीता

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पेरिस, 1 अगस्त। पेरिस ओलम्पिक खेलों में गुरुवार को भारतीय दल तीसरा पदक जीतने में सफल रहा, जब पहली बार ओलम्पिक में भागीदारी कर रहे शूटर स्वप्निल कुसाले ने पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में कांस्य पदक जीता।

शेटराउ नेशनल शूटिंग सेंटर में 28 वर्षीय स्वप्निल ने आठ निशानेबाजों के बीच 451.4 के स्कोर से तीसरा स्थान हासिल किया। 24 घंटे पहले क्वालीफिकेशन में 590 के स्कोर से सातवें नंबर पर रहने के साथ उन्होंने फाइनल राउंड का टिकट पाया था जबकि उनके साथी शूटर ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर बुधवार को आठवें स्थान पर रहने के बाद कट से चूक गए थे।

विश्व रिकॉर्डधारी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के लियू युकुन ने 463.6 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि यूक्रेन के सेरही कुलिश (461.3) ने इस स्पर्धा में अपना दूसरा ओलम्पिक रजत पदक जीता। रियो 2016 में भी उन्होंने रजत पदक जीता था।

भारतीय शूटरों ने पहली बार एक ही ओलम्पिक में 3 पदक जीते

दिलचस्प यह है कि पेरिस खेलों में भारत को अब तक मिले तीनों पदक शूटरों ने दिलाए हैं। कुसाले से पहले, मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था और फिर उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में भी पदक जीता था। भारतीय ओलम्पिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब निशानेबाजों ने एक ही ओलम्पिक में तीन पदक जीते हैं।

वैसे, यह 50 मीटर 3P में भारत का पहला ओलम्पिक शूटिंग पदक है और बीजिंग 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में अभिनव बिंद्रा के स्वर्ण पदक के बाद राइफल शूटिंग में दूसरा पदक है। पिछली बार कोई भारतीय निशानेबाज लंदन ओलम्पिक 50 मीटर राइफल में फाइनल में पहुंचा था, जब जॉयदीप करमाकर 50 मीटर राइफल प्रोन में चौथे स्थान पर रहे थे। अब यह स्पर्धा ओलम्पिक में नहीं है।

फाइनल राउंड में 15 शॉट्स के बाद छठे स्थान पर थे कुसाले

अपने आदर्श क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की तरह रेलवे में टीसी कुसाले फाइनल राउंड में 15 शॉट्स के बाद 153.3 के साथ छठे स्थान पर थे। हालांकि, तीन सीरीज में प्रोन पोजीशन में और दो सीरीज में खड़े होकर लगातार शूटिंग करने से 28 वर्षीय भारतीय निशानेबाज स्टेज 1 के अंत में तीसरे स्थान पर रहे, जिसके बाद नीचे के दो निशानेबाज बाहर हो गए।

उसके बाद स्टेज 2 में हर एक शॉट के बाद एक एलिमिनेशन के साथ कुसाले ने अपने अगले तीन शॉट्स के साथ 10.5, 9.4 और 9.9 का स्कोर किया और शीर्ष तीन में अपना स्थान बनाए रखते हुए भारत के लिए पदक पक्का किया। हालांकि, अगले शॉट में 10.0 का स्कोर उन्हें स्वर्ण पदक की दौड़ में बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं था।

स्वप्निल को ओलम्पिक पदार्पण के लिए 12 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा

देखा जाए तो पिछले 12 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे कुसाले को ओलम्पिक पदार्पण के लिए 12 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा। धोनी की ही तरह ‘कूल’ रहने वाले कुसाले ने विश्व कप विजेता क्रिकेट कप्तान पर बनी फिल्म कई बार देखी। उन्होंने क्वालीफिकेशन के बाद कहा था, ‘मैं निशानेबाजी में किसी खास खिलाड़ी से मार्गदर्शन नहीं लेता। लेकिन अन्य खेलों में धोनी मेरे पसंदीदा हैं। मेरे खेल में भी शांतचित रहने की जरूरत है और वह भी मैदान पर हमेशा शांत रहते थे। वह भी कभी टीसी थे और मैं भी हूं।’

जीत के बाद बोले कुसाले – मनु भाकर को देखकर आत्मविश्वास आया

मध्य रेलवे में 2015 से कार्यरत कुसाले के पिता और भाई जिला स्कूल में शिक्षक हैं और मां गांव की सरपंच हैं। उन्होंने अपने प्रदर्शन पर कहा, ‘अभी तक अनुभव बहुत अच्छा रहा है। मुझे निशानेबाजी पसंद है और मुझे खुशी है कि इतने लंबे समय से कर पा रहा हूं। मनु भाकर को देखकर आत्मविश्वास आया है। वह जीत सकती है तो हम भी जीत सकते हैं।’

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