ओम बिरला ने सदन में व्यवधान पर जताई नाराजगी, 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
नई दिल्ली, 2 जुलाई। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की कार्यवाही मंगलवार की शाम राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा जारी रही और फिर सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जवाब के दौरान सदन में उत्पन्न किए गए व्यवधान पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा, ‘देश आज देख रहा है कि जब सदन के नेता माननीय प्रधानमंत्री जी अपनी बात कर रहे थे, तब प्रतिपक्ष के नेता माननीय सदस्यों को वेल में आ कर कह रहे थे…ये संसदीय परंपराओं के उपयुक्त नहीं है।’
“देश आज देख रहा है कि जब सदन के नेता माननीय प्रधानमंत्री जी अपनी बात कर रहे थे, तब प्रतिपक्ष के नेता माननीय सदस्यों को वेल में आ कर कह रहे थे…ये संसदीय परंपराओं के उपयुक्त नहीं है”
सदन में व्यवधान के मुद्दे पर #LokSabha अध्यक्ष @ombirlakota ने जताई नाराजगी. pic.twitter.com/yPqernnwhJ
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पहले सत्र में 34 घंटे की अवधि में कुल 7 बैठके हुईं
स्पीकर ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा पहले सत्र के कामकाज का ब्यौरा भी दिया। उन्होंने कहा कि सत्र में सदन की सात बैठकें हुई, जो लगभग 34 घंटे चली। सत्र का आरंभ 24 जून 2024 को हुआ। सत्र के दौरान 539 माननीय सदस्यों ने शपथ या प्रतिज्ञान किया। 26 जून को लोकसभा के अध्यक्ष का निर्वाचन संपन्न हुआ।।’
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 18 घंटे से ज्यादा समय तक चली चर्चा
ओम बिरला ने कहा, ’18 घंटे से ज्यादा की चर्चा के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया। चर्चा में 68 माननीय सदस्यों ने भागीदारी की और 50 सांसदों ने लिखित वक्तव्य पटल पर रखा। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की उत्पादकता 103 फीसदी रही।’
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का दिया जवाब
इसके पूर्व लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज नेता सदन एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान कांग्रेस सहित विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने ईवीएम, संविधान, अग्निवीर योजना, राफेल सौदा, एचएएल, एलआईसी व बैंक सहित अन्य मुद्दों पर झूठ बोलने का विपक्ष पर आरोप लगाया।
"Lies regarding EVM… lies regarding Constitution… lies regarding reservation… before that, lies regarding Rafale, HAL, LIC, banks… They even had the courage to mislead the House yesterday. They told lies regarding Agniveer. They said that MSP is not being given : PM Modi pic.twitter.com/64Igy8VjvT
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इसी क्रम में पीएम मोदी ने राहुल गांधी के सोमवार को दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘कल जो कुछ हुआ, उसे गंभीरता से लिए बिना हम संसदीय लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर पाएंगे। हमें इन कृत्यों को बचकाना कहकर कतई नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और मैं ये इसलिए कह रहा हूं क्योंकि इसके पीछे इरादे नेक नहीं है और मैं देशवासियों को भी जगाना चाहता हूं।’
"जब प्रधानमंत्री जी का संबोधन चल रहा था, जिस प्रकार विपक्ष के द्वारा संसदीय मर्यादाओं को लगातार तार-तार किया गया है…मैं प्रस्ताव करता हूं कि इस कृत्य की पूरा सदन भर्त्सना करता है."
रक्षा मंत्री @rajnathsingh को motion को मिली सदन की मंजूरी.#LokSabha #MotionofThanks pic.twitter.com/LVe6xf38CH
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हंगामे पर राजनाथ ने रखा निंदा प्रस्ताव, सदन ने ध्वनिमत से पारित किया
पीएम मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष के लगातार हंगामा करने के विरोध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निंदा प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री जी का संबोधन चल रहा था, जिस प्रकार विपक्ष के द्वारा संसदीय मर्यादाओं को लगातार तार-तार किया गया है…मैं प्रस्ताव करता हूं कि इस कृत्य की पूरा सदन भर्त्सना करता ह।” राजनाथ सिंह के इस निंदा प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।