रिजर्व बैंक ने आधी फीसद बढ़ाया विकास अनुमान, नीतिगत दरों में नहीं किया कोई बदलाव
मुंबई, 8 दिसंबर। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश के आर्थिक विकास के सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुये 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने से उत्साहित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान में आधी फीसदी की बढ़ोत्तरी करने के साथ ही खुदरा महंगाई बढ़ने के जोखिम को ध्यान में रखते हुये नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया, जिससे घर, वाहन आदि ऋण की किश्तों में कोई वृद्धि नहीं होगी।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्विमासिक तीन दिवसीय बैठक में आज लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुये गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर गति से आगे बढ़ रही है और वह सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुये दूसरी तिमाही में 7.6 प्रतिशत की गति से आगे बढ़ा है। इसके मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान को पहले के 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 7.0 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा के समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया है।
दास ने यह घोषणा करते हुये कहा कि फिलहाल नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं की जा रही है लेकिन नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने के बीच समिति ने समायोजन वाले रूख से पीछे हटने का निर्णय लिया है। समिति के इस निर्णय के बाद फिलहाल नीतिगत दरों में बढोतरी नहीं होगी। रेपो दर 6.5 प्रतिशत, स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) 6.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) 6.75 प्रतिशत, बैंक दर 6.75 प्रतिशत, फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर 3.35 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात 4.50 प्रतिशत, वैधानिक तरलता अनुपात 18 प्रतिशत पर यथावत है।
दास ने कहा कि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र सशक्त और मजबूत बना हुआ और यह महंगाई को काबू में करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान को 7.0 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके आधार पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विकास अनुमान को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही के अनुमान को 6.0 प्रतिशत कर दिया गया है।