चंद्रबाबू नायडू 53 दिनों की न्यायिक हिरासत बाद जेल से बाहर आए, पोते को देख भावुक हो उठे
राजमुंदरी, 31 अक्टूबर। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की ओर से जमानत मिलने के बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू मंगलवार को राजमुंदरी जेल से बाहर आए। इस दौरान उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया। वहीं, जेल के बाहर उनसे मिलने उनका पोता भी आया था, जहां पोते को देख नायडू भावुक हो उठे।
45 ఏళ్ళ నిస్వార్థ ప్రజా సేవకు, ప్రజలు చూపిస్తున్న సాటిలేని అభిమానం.#NijamGelavali#SatyamevaJayate#CBNSatyamevaJayate pic.twitter.com/Dx4wL0Vags
— Telugu Desam Party (@JaiTDP) October 31, 2023
‘आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और दुनियाभर में मुझे दिए गए स्नेह को कभी नहीं भूलूंगा’
उल्लेखनीय है कि चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम में कथित घोटाला मामले में चार हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत मिली है। 53 दिनों तक न्यायिक हिरासत के बाद जेल से बहार आए पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू ने कहा, ‘जब मैं मुसीबत में था तो आप सभी सड़कों पर आए और मेरे लिए प्रार्थना की। मैं न केवल आंध्र प्रदेश बल्कि तेलंगाना और दुनियाभर में मुझे दिए गए स्नेह को कभी नहीं भूलूंगा। अपने 45 साल के करिअर में मैंने न तो कोई गलती की है और न ही किसी को करने दूंगा। सभी राजनीतिक दलों ने मेरा समर्थन किया है, इसके लिए उनका बहुत-बहुत धन्यवाद।’
జైలు నుంచి విడుదల అయిన నారా చంద్రబాబు నాయుడు గారికి స్వాగతం పలికిన కుటుంబ సభ్యులు, పార్టీ నేతలు, కార్యకర్తలు. మనవడిని చూసి ఆనందంగా దగ్గరకు తీసుకున్న చంద్రబాబు గారు.#NijamGelavali#SatyamevaJayate#CBNSatyamevaJayate pic.twitter.com/zzFPmxkDF6
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राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने की आदेश
हाई कोर्ट ने चंद्रबाबू नायडू को स्वास्थ्य कारणों के चलते अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने उन्हें 24 नवम्बर को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है। इसके अलावा उन्हें अस्पताल में अपने मेडिकल चेक-अप के अलावा किसी अन्य कार्यक्रम, मीडिया और राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेने का भी आदेश दिया गया है। अदालत 10 नवम्बर को चंद्रबाबू की मुख्य जमानत याचिका पर दलीलें सुनेगी।
TDP से डरी हुई है YSRCP
इस बीच TDP ने कहा कि सत्तारूढ़ YSRCP चंद्रबाबू नायडू को अपराधी बताने के अपने प्रयास में विफल रही है। पार्टी ने कहा, ‘सत्तारूढ़ YSRCP द्वारा एन चंद्रबाबू नायडू को लगातार जांच के दायरे में रखने और उन्हें अपराधी करार देने के सभी प्रयासों के बावजूद, वे अंततः आज विफल रहे। इससे पता चलता है कि सत्तारूढ़ पार्टी TDP से किस तरह डरी, सहमी और भयभीत है।’