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कोलकाता में एक दुर्गा पूजा पंडाल ऐसा भी – मासिक धर्म को लेकर बनी भ्रांतियां तोड़ना ही इसका मकसद

कोलकाता में एक दुर्गा पूजा पंडाल ऐसा भी – मासिक धर्म को लेकर बनी भ्रांतियां तोड़ना ही इसका मकसद

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कोलकाता, 10 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल में शारदीय नवरात्र की तैयारियों जोरशोर से जारी हैं और कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न दुर्गा पूजा समितियां अपनी यथाशक्ति भव्य दुर्गा पूजा पंडाल के निर्माण में लगी हुई हैं। इसी क्रम में महानगर में एक दुर्गा पूजा पंडाल ऐसा भी है,  जिसका मकसद मासिक धर्म को लेकर बनी भ्रांतियों को तोड़ना है।

दरअसल, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर जोरासांको के पास उत्तरी कोलकाता के चितपुर इलाके में एक दुर्गा पूजा पंडाल इस वर्ष की पूजा का जश्न मनाने के लिए एक अनूठी थीम के साथ आया है। पंडाल की थीम मासिक धर्म के बारे में वर्जनाओं को तोड़ना और मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

पाथुरियाघाट पंचर पल्ली सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति की कार्यकारी अध्यक्ष एलोरा साहा ने इस संदर्भ में बताया, ‘इस मासिक धर्म को लेकर हमारे समाज में बहुत सारी वर्जनाएं हैं। कुछ महिलाओं को रसोई में जाने की अनुमति नहीं है, कुछ को किसी भी खाद्य पदार्थ को छूने की अनुमति नहीं है या उन्हें मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों में जाने की अनुमति नहीं है। क्यों क्या आज भी वर्जनाएं हैं, जब हम चंद्रमा पर चंद्रयान उतारने पर गर्व करते हैं।’

दुर्गा पूजा पंडाल को महिलाओं की तस्वीरों, सैनेटरी पैड और मासिक धर्म सायकल को दर्शाने वाले चित्रों से सजाया गया है। आयोजकों को उम्मीद है कि ये थीम लोगों को नारीत्व का जश्न मनाने और प्रजनन चक्र में मासिक धर्म के महत्व को पहचानने के लिए प्रेरित करेगा। पंचर पल्ली दुर्गा पूजा समिति 84वें साल पूजा का आयोजन कर रही है।

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