भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ी : अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों से लैस युद्धपोत ‘महेंद्रगिरी’ समंदर में उतारा गया
मुंबई, 1 सितम्बर। भारत की समुद्री सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए सदैव चौकस रहने वाली भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ गई है। इस क्रम में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित भारतीय नौसेना के युद्धपोत ‘महेंद्रगिरी’ का शुक्रवार को मुंबई में जलावतरण किया गया।
#Mahendragiri a technologically advanced warship stands as a symbol of #India's determination to embrace its rich naval heritage, while propelling itself towards a future of indigenous defence capabilities.
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‘परियोजना 17-ए’ के बेड़े के तहत निर्मित सातवां व अंतिम जहाज है ‘महेंद्रगिरी’
नौसेना के युद्धपोत ‘महेंद्रगिरी’ का नाम ओडिशा में पूर्वी घाट में सबसे ऊंची पर्वत चोटी के नाम पर रखा गया है। यह युद्धपोत ‘परियोजना 17-ए’ के बेड़े के तहत निर्मित सातवां जहाज है। यह युद्धपोत उन्नत युद्धक प्रणालियों, अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर और प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है।
Dr. Sudesh Dhankhar, wife of Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar blessed the frigate and named it 'Mahendragiri' before it sailed into the waters of the Arabian Sea. @indiannavy #Mahendragiri pic.twitter.com/1rihaGEsFv
— Vice President of India (@VPIndia) September 1, 2023
जलावतरण समारोह के मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “यह उचित है कि युद्धपोत का जलावतरण मुंबई जैसे शहर में हुआ। मुझे यकीन है कि जलावतरण के बाद ‘महेंद्रगिरी’ भारत की समुद्री शक्ति के दूत के रूप में समुद्र में पूरे गर्व से तिरंगा लहराएगा। मैं पूरे विश्वास के साथ हमारे सुरक्षा बल को बधाई देता हूं। वे दुनिया की सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से खुद को बेहतर बनाना जारी रखेंगे।’
उप राष्ट्रपति धनखड़ बोले – यह देश के समुद्री इतिहास में उल्लेखनीय मील का पत्थर
उप राष्ट्रपति ने कहा कि सेना, नौसेना और वायुसेना में 10,000 से अधिक महिला कर्मियों की मजबूत उपस्थिति के साथ भारतीय सशस्त्र बल ने लैंगिक समानता की दिशा में भी काफी प्रगति की है। ‘महेंद्रगिरी’ के जलावतरण को देश के समुद्री इतिहास में उल्लेखनीय मील का पत्थर करार देते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा, “यह ‘परियोजना 17-ए’ के तहत निर्मित नीलगिरि श्रेणी के युद्धपोत बेड़े का सातवां और आखिरी युद्धपोत है। ‘आत्म निर्भरता’ की दिशा में हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत ‘नीलगिरि’ श्रेणी के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कम्पनियों को दिए गए।”
The security in the Indian Ocean Region, and the larger Indo-Pacific has diverse challenging aspects. The @indiannavy is ably discharging the mandate to protect, preserve & promote India’s maritime interests.
I congratulate our force!
Our Navy has been the vehicle of peace and… pic.twitter.com/9PHGKA8RLZ
— Vice President of India (@VPIndia) September 1, 2023
धनखड़ ने कहा कि ‘महेंद्रगिरी’ का जलावतरण नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में की गई हमारे राष्ट्र की अतुलनीय प्रगति का उपयुक्त उदाहरण है। जलावतरण समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 अगस्त को किया था ‘विन्ध्यागिरी’ पोत का अनावरण
गौरतलब है कि समंदर में चीन से मिल रही चुनौतियों को देखते हुए नौसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हुई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गत 17 अगस्त को कोलकाता में पोत ‘विन्ध्यागिरी’ का अनावरण किया था। ‘विन्ध्यागिरी’ पोत का नाम कर्नाटक में पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है और यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट का छठा पोत था। प्रोजेक्ट 17ए पोतों के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कम्पनियों से पूर्ण किए गए हैं, जिनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भी शामिल हैं।