लखनऊ, 1 जून। सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के संबंध में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार ने कहा कि वह एकल पीठ के निर्णय की गहन समीक्षा कर रही है और उक्त निर्णय को लागू करने के संबंध में विचारोपरांत जो भी निष्कर्ष निकलता है, उसे कोर्ट की जानकारी में देने के बाद ही लागू किया जाएगा।
कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तिथि नियत करते हुए आदेश दिया है कि सरकार की ओर से आए इस जवाब को एकल पीठ के निर्णय को चुनौती देने वाली सभी अपीलों के संबंध में प्रासंगिक माना जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन. रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने अशोक यादव व अन्य अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल विशेष अपीलों पर पारित किया।
कोर्ट ने 3 माह में समीक्षा कर मेरिट सूची तैयार करने का दिया है आदेश
गौरतलब है कि अपीलों में एकल पीठ द्वारा पारित उस निर्णय को चुनौती दी गई है, जिसमें एकल पीठ ने तीन माह में समीक्षा कर 69 हजार अभ्यर्थियों की मेरिट सूची तैयार करने का आदेश दिया था व इसी भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी, 2022 की चयन सूची को खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने सरकार से पूछा था ये सवाल
पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या वह सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 की 1 जून 2020 को जारी चयन सूची में संशोधन करने जा रही है। इस पर 29 मई को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अपर मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग से मिले निर्देश के आधार पर न्यायालय को बताया कि एकल पीठ के निर्णय की गहन समीक्षा की जा रहे है क्योंकि उक्त निर्णय के दूरगामी विधिक प्रभाव होंगे। कहा गया कि विचारोपरांत जो भी परिणाम आता है, उसे न्यायालय की जानकारी में लाए। बिना लागू नहीं किया जाएगा।