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कोलकाता में फर्जी मोबाइल गेमिंग एप कम्पनी पर ईडी की छापेमारी, 17 करोड़ कैश जब्त

कोलकाता में फर्जी मोबाइल गेमिंग एप कम्पनी पर ईडी की छापेमारी, 17 करोड़ कैश जब्त

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कोलकाता, 11 सितम्बर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन जांच के तहत कोलकाता स्थित फर्जी मोबाइल गेमिंग एप कम्पनी के प्रमोटरों के खिलाफ की गई छापेमारी में करीब 17 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की है। ये छापेमारी शनिवार को 16 घंटे तक चली और जब्त कैश को गिनने में आठ काउंटिंग मशीनों का सहारा लेना पड़ा।

ई-नग्गेट्सऔर इसके प्रमोटर आमिर खान के ठिकानों पर छापेमारी

केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से जारी एक तस्वीर में पांच सौ और दो हजार सहित दो सौ रुपये के नोटों के बंडल एक बिस्तर पर दिख रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी ने बयान जारी कर बताया कि गेमिंग एप ‘ई-नग्गेट्स’ और इसके प्रमोटर आमिर खान के आधा दर्जन से ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की थी।

फरवरी में दर्ज की गई थी प्राथमिकी

कोलकाता पुलिस ने फरवरी, 2021 में कम्पनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी और इसी से धनशोधन का मामला सामने आया। ईडी ने कहा कि यह प्राथमिकी कोलकाता की एक अदालत में फेडरल बैंक के अधिकारियों की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर पार्कस्ट्रीट पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि निसार अहमद खान के बेटे आमिर खान ने गेमिंग एप ई-नग्गेट्स की शुरूआत की है, यह गेम लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के इरादे से डिजाइन किया गया है।

शुरुआती दौर में कम्पनी यूजर्स को कमीशन देती थी

एजेंसी ने कहा कि शुरुआती दौर में इस्तेमालकर्ताओं को एक कमीशन दिया जाता था और वॉलेट में मौजूद राशि को बिना किसी दिक्कत के निकाला जा सकता था। इससे यूजर्स का भरोसा इसमें जम गया और उन्होंने अधिक कमीशन बनाने तथा बड़ी तादाद में खरीदारी के लिए और अधिक निवेश करना शुरू किया।

अचानक कमीशन बंद और प्रोफाइल जानकारी सहित सभी डेटा एप सर्वर से गायब

ईडी ने कहा कि जनता से ठीक ठाक राशि एकत्र कर लेने के बाद इस एप से इसकी निकासी को सिस्टम अपग्रेडेशन अथवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जांच का बहाना बना कर अचानक इसे रोक दिया गया। बाद में प्रोफाइल जानकारी सहित सभी डेटा को एप सर्वर से मिटा दिया गया। इसके बाद उपयोगकर्ताओं को इसकी चाल समझ में आई। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि इस एप और इसके संचालकों का संपर्क कहीं चीन के नियंत्रण वाले एप से तो नहीं है।

ईडी की छापेमारी पर राजनीति भी जारी

इस बीच ईडी की छापेमारी पर राजनीति भी शुरू हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री और कोलकाता के महापौर फिरहाद हाकिम ने शनिवार को कहा कि इस छापेमारी का राजनीति से कोई संबंध नहीं है और तृणमूल कांग्रेस (तृकां) का संबंधित व्यवसायी से कोई लेना देना नहीं है। हाकिम ने हालांकि, आश्चर्य जताया कि धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच पश्चिम बंगाल जैसे गैर भाजपा शासित राज्य तक ही क्यों सीमित है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में भी कारोबारी हैं और हो सकता है कि उन्होंने भी काफी धन जमा कर रखे हों। प्रदेश में सत्तारूढ़ तृणमूल के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘क्या इसका मतलब यह है कि बंगाल जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों के व्यापारियों के खिलाफ ही छापेमारी की जाएगी। यह केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उत्पीड़न के डर से निवेशकों को बंगाल आने से रोकने के लिए है।’

भाजपा का पलटवार

हाकिम की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि ऐसे बयान डर के कारण दिए जाते हैं क्योंकि तृणमूल कांग्रेस के साथ धन शोधकों के ‘अपवित्र सांठगांठ’ के बारे में सभी जानते हैं । भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘जांच एजेंसी की यह छापेमारी आम तौर पर कारोबारी समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह केवल बेईमान व्यापारियों के खिलाफ है। प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री के पास क्या कुछ छिपाने के लिए है।’

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