दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा – 80 फीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूल ‘कबाड़खाने से भी बदतर’
नई दिल्ली, 7 सितम्बर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा कि देश के 80 फीसदी से अधिक सरकारी स्कूल ‘जंकयार्ड से भी बदतर’ हैं। उन्होंने देशभर में 14,500 स्कूलों के उन्नयन के लिए प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-एसएचआरआई) योजना का उल्लेख करते हुए सभी 10 लाख सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना की मांग की।
देश के सभी 10 लाख सरकारी स्कूलों के पुनर्विकास की योजना तैयार करने की अपील
अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा, ‘आपने 14,500 स्कूलों के आधुनिकीकरण की योजना बनाई है, लेकिन अगर हम इस गति से काम करते हैं, तो हमारे सभी सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करने में 100 वर्ष लगेंगे। मेरा आपसे अनुरोध है कि देश के सभी 10 लाख सरकारी स्कूलों के पुनर्विकास की योजना तैयार करें।’ उन्होंने कहा कि 27 लाख छात्रों में से 18 लाख सरकारी स्कूलों में जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर पीएम-श्री योजना के तहत मॉडल स्कूलों के विकास की घोषणा की थी। वहीं, अपने पत्र को ट्वीट करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कैप्शन में लिखा, ‘प्रधानमंत्री जी को मेरा पत्र। उन्होंने 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने का एलान किया, बहुत अच्छा। लेकिन देश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं। इस तरह तो सारे स्कूल ठीक करने में सौ साल से ज्यादा लग जायेंगे। आपसे अनुरोध है कि सभी दस लाख स्कूलों को एक साथ ठीक करने का प्लान बनाया जाए।’
प्रधानमंत्री जी को मेरा पत्र। उन्होंने 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने का एलान किया, बहुत अच्छा। लेकिन देश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं। इस तरह तो सारे स्कूल ठीक करने में सौ साल से ज़्यादा लग जाएँगे। आपसे अनुरोध है कि सभी दस लाख स्कूलों को एक साथ ठीक करने का प्लान बनाया जाए। pic.twitter.com/Cegk9XvIDZ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 7, 2022
‘करोड़ों बच्चों को ऐसी शिक्षा देंगे तो भारत कैसे विकसित देश बनेगा?’
सीएम केजरीवाल ने कहा, ’80 फीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूलों की हालत कबाड़खाने से भी बदतर है। अगर हम अपने करोड़ों बच्चों को ऐसी शिक्षा देंगे तो भारत कैसे विकसित देश बनेगा? देश ने 1947 में हर गांव और कस्बे में अच्छे सरकारी स्कूलों का विकास नहीं कर एक बड़ी गलती की। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अगले 75 वर्षों में भी हमने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर ध्यान नहीं दिया। क्या भारत और समय बर्बाद करता रहेगा?’