प्रमोद तिवारी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत कई कांग्रेस नेता लखनऊ में हाउस अरेस्ट, जानें वजह
लखनऊ, 16 जून। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष केरल के वायनाड से लोकसभा के सदस्य राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से समन भेजे जाने और उनसे पूछताछ का विरोध उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। लखनऊ में गुरुवार को कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राजभवन घेराव की योजना तैयार की थी। उनके घेराव करने से पहले ही इन सभी को हाउस अरेस्ट किया गया है।
लखनऊ में उत्तर प्रदेश राजभवन का घेराव करने से पहले ही प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं को नजरबंद किया गया है। लखनऊ पुलिस ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी और मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत कई नेताओं को नजरबंद किया है। लखनऊ में ही पूर्व राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया को भी उनके घर में ही पुलिस के घेरे में रखा गया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन भेजे जाने के विरोध में आज राजभवन के घेराव का ऐलान किया था। कांग्रेस विधायक दल की नेता अपनी पुत्री अराधना मिश्रा उर्फ मोना के सरकारी आवास में प्रमोद तिवारी को नजरबंद किया गया है। माना जा रहा है कि प्रमोद तिवारी इस मुद्दे पर मीडिया से भी बात करेंगे। इस दौरान वह राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे षडयंत्र का भी खुलासा कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से बीते दो दिन से नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने करीब 23 घंटों तक पूछताछ की है। यह पूछताछ आज भी चलेगी। दो दिन में कांग्रेस नेता महज 20-25 सवालों के ही जवाब दे सके हैं। राहुल ने ईडी से इस मामले में जल्दी पूछताछ पूरी करने की मांग की थी, लेकिन उन्हें बुधवार को दोबारा समन किया गया था। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष से पहले दिन करीब नौ घंटों की पूछताछ के दौरान बैंक खातों, विदेशों में संपत्ति से जुड़े सवाल किए गए थे। दूसरे दिन अधिकारियों ने लगभग 10 घंटों तक सवाल पूछे। बताया जा रहा है कि उस दौरान भी राहुल निजी बैंक खातों को लेकर ठीक तरह से जवाब नहीं दे सके थे।