पाकिस्तान की अकड़ ढीली : पीएम इमरान के सलाहकार ने कहा – भारत के साथ व्यापार समय की मांग
इस्लामाबाद, 21 फरवरी। कंगाली के हालात से गुजर रहे पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया है कि अब उसे भारत के साथ व्यापार की सख्त जरूरत है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के वाणिज्य और टेक्सटाइल मामलों में सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद के बयान से कुछ ऐसा ही प्रतीत होता, जिन्होंने कहा है कि भारत के साथ व्यापार आज समय की मांग है और यह दोनों ही देशों के लिए लाभदायक है।
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि वह कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल किए जाने तक भारत से व्यापार शुरू नहीं करेगा। अब इमरान के सलाहकार का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब पाकिस्तानी पीएम कई दशक बाद पहली बार रूस के दौरे पर जा रहे हैं, जहां गैर पाइपलाइन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी बात होनी है।
भारत के साथ व्यापार पाकिस्तान के लिए बहुत लाभदायक : अब्दुल रजाक दाऊद
दाऊद ने कहा, ‘जहां तक वाणिज्य मंत्रालय की बात है, हमारा मानना है कि भारत के साथ व्यापार होना चाहिए। मेरा मत है कि हमें भारत के साथ बातचीत करनी चाहिए और इसे अब शुरू किया जाना चाहिए। भारत के साथ व्यापार सभी के लिए खासतौर पर पाकिस्तान के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक है और मैं इसका समर्थन करता हूं।’
दरअसल, इमरान खान सरकार चाहती है कि अफगानिसतान के रूस और मध्य एशिया के अन्य देशों जैसे ताजिकिस्तान से गैस पाइपलाइन लाई जाए। अगर यह गैस पाइपलाइन भारत तक जाती है तो पाकिस्तान को इसके बदले में काफी पैसा मिल सकता है।
अरबपति उद्योगपति मियां मांशा भी कर चुके हैं भारत से रिश्तों में सुधार की वकालत
इससे पहले भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर पाकिस्तान के अरबपति उद्योगपति मियां मुहम्मद मांशा ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत जारी है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि अगर दोनों देश मिलकर कार्य करते हैं तो एक महीने में पीएम मोदी पाकिस्तान का दौरा कर सकते हैं।
‘कोई भी स्थायी शत्रु नहीं होता…हमें भारत के साथ चीजों को ठीक करने की जरूरत‘
पाकिस्तानी बहुराष्ट्रीय कम्पनी निशात ग्रुप के प्रमुख मियां मांशा ने कहा, ‘कोई भी स्थायी शत्रु नहीं होता है…हमें भारत के साथ चीजों को ठीक करने की जरूरत है। 1965 की जंग के पहले तक भारत के साथ पाकिस्तान का 50 फीसदी व्यापार होता था। हमें शांति की जरूरत है। भारत के पास अच्छी तकनीक है। हमारे पास भी ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जो हम हिन्दुस्तान को दे सकते हैं। इसलिए कोई भी स्थायी शत्रु नहीं है। इतनी गरीबी है, हमें भारत के साथ चीजों को सुधारने होगा।