लखनऊ, 18 अक्टूबर। समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल उत्तर प्रदेश विधानसभा के नए डिप्टी स्पीकर निर्वाचित घोषित किए गए हैं। सोमवार को आहूत विशेष सत्र में डिप्टी स्पीकर पद के लिए वोटिंग हुई, जिसमें नितिन को 304 वोट मिले जबकि सपा के नरेंद्र वर्मा के पक्ष में महज 60 पड़े।
कुल पड़े 368 मतों में नितिन को 304 वोट, 4 मत अवैध
समझा जाता है कि चुनाव में क्रॉस वोटिंग भी हुई। डिप्टी स्पीकर पद के लिए कुल 368 वोट पड़े। इसमें से चार मतों को अवैध घोषित किया गया और काउंटिंग कुल 364 वोटों की हुई।
परंपरा टूटी, करीब 34 वर्षों बाद विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान
करीब 34 वर्षों बाद विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए मतदान कराया गया। इससे पहले आपसी सहमति से उपाध्यक्ष पद विपक्षी दलों को देने की परंपरा रही है। इस चुनाव का कांग्रेस और बसपा ने बहिष्कार किया, लेकिन कांग्रेस के बागी विधायक राकेश सिंह और अदिति सिंह ने बीजेपी समर्थित उम्मीदवार नितिन अग्रवाल के समर्थन में वोट किया।
युवा व अनुभवी श्री @nitinagarwal_n को विधानसभा उपाध्यक्ष चुने जाने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath#BJP4UP pic.twitter.com/wXCr024r2T
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) October 18, 2021
7 बार के विधायक नरेश अग्रवाल के बेटे हैं नितिन
नितिन अग्रवाल दल-बदल में माहिर सात बार के विधायक नरेश अग्रवाल के बेटे हैं। वह वर्ष 2017 का चुनाव सपा के टिकट पर लड़े थे और विजयी हुए थे। बाद में सपा से मोह भंग होने के बाद पिता-पुत्र दोनों बीजेपी के खेमे में हैं। 2007 में नरेश अग्रवाल के सपा से इस्तीफा देने के बाद 2008 के उपचुनाव में नितिन बसपा के टिकट पर हरदोई सीट से पहली बार विधायक बने थे।
इसके बाद नितिन अग्रवाल पिता के साथ फिर सपा में शामिल हो गए। उन्होंने 2012 का चुनाव सपा के टिकट पर लड़कर जीता था। सपा सरकार में उन्हें स्वास्थ्य राज्य मंत्री और बाद में लघु उद्योग विकास में स्वतंत्र प्रभार का राज्य मंत्री भी बनाया गया था।
लखीमपुर खीरी हिंसा और महंगाई को लेकर विपक्षी दलों का हंगामा
इस बीच विपक्षियों ने विधानसभा का विशेष सत्र शुरू होने के पहले विधानसभा के बाहर लखीमपुर खीरी हिंसा और महंगाई को लेकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी विधायकों ने कानून व्यवस्था, महंगाई के विरोध में काले ग़ुब्बारे उड़ाए। बढ़ते गैस सिलेंडर के दामों को लेकर हाथ में गैस सिलेंडर का पोस्टर लेकर सपा विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा में भी विपक्ष ने हंगामा किया।
सदन ने दिवंगत सीएम कल्याण सिंह को दी श्रद्धांजलि
वहीं, सदन में मतदान से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन की सूचना देते हुए शोक प्रस्ताव रखा। इस पर सभी सदस्यों ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली सहित कई नेता उपस्थित रहे। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया।