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आयुष्मान योजना : यूपी में 10 करोड़ का घोटाला?, 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से हड़पे रुपये

आयुष्मान योजना : यूपी में 10 करोड़ का घोटाला?, 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से हड़पे रुपये

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लखनऊ, 10 जून। उत्तर प्रदेश में जन सामान्य के इलाज के लिए जारी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में लगभग 10 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आ रही है। हालांकि योगी सरकार इन योजनाओं में मनमानी बिलिंग के जरिए धनराशि हड़पने के प्रयासों पर रोक के तहत सभी बिलों की सघन जांच कराने में जुटी हैं। लेकिन राज्य के 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से 9.94 करोड़ हड़प लिए गए हैं। यह धोखाधड़ी स्टेट एजेंसी साचीज के सीईओ, मैनेजर और लेखाधिकारी की ईमेल का दुरुपयोग करके की गई है।

पुलिस में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के अनुसार, आईटी विशेषज्ञों की मदद से इस कारनामे को अंजाम देने वालों को जल्दी ही पकड़ा जाएगा। फिलहाल आयुष्मान योजना से संबंध प्रदेश में 5,872 से अधिक अस्पतालों के रिकॉर्ड को चेक कर यह पता लगा जा रहा है कि इस तरह ही धांधली उनके अस्पताल में तो नहीं हुई है।

इसी व्यवस्था में लगाई गई सेंध

प्रदेश के 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से हड़पे गए रुपयों को लेकर साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्चना वर्मा का कहना है कि इस तरह का घोटाला राज्य में पहली बार हुआ है। उनके अनुसार राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख तक का निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 5,872 से अधिक चिकित्सालयों में इस योजना के तहत सूचीबद्ध हैं, जिनमें 2,923 निजी अस्पताल शामिल हैं।

इन सूचीबद्ध चिकित्सालयों में इलाज कराने वाले कार्डधारक के बिल का भुगतान साचीज एजेंसी की ओर से आयुष्मान योजना के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण पोर्टल की मदद से ऑनलाइन किया जाता है। कार्ड धारकों के आवेदन पर अस्पताल पोर्टल पर खर्च का ब्योरा अपलोड करते हैं। फिर साचीज एजेंसी की जांच के बाद बिल के भुगतान की ऑनलाइन संस्तुति की जाती है और बिल का भुगतान अस्पताल को हो जाता है। अर्चना वर्मा का कहना है कि इस व्यवस्था में सेंध लगाकर करीब दस करोड़ रुपए हड़पे गए हैं।

ऐसे पकड़ में आई धोखाधड़ी

साचीज के डल अधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को सौंपी गई रिपोर्ट में लिखा है कि एजेंसी के सीईओ, मैनेजर और लेखाधिकारी की ईमेल आईडी का दुरुपयोग कर ऐसा किया गया है। वह बताते हैं कि आयुष्मान कार्ड धारकों के अस्पताल में कराए गए इलाज के बिल का साचीज की ओर से ऑडिट लॉग इन से किया जाता है।

इसके बाद लेखाधिकारी और फिर सीईओ इसे आगे बढ़ाते हैं। इस कार्यवाही के बाद ही बैंक की ओर से अस्पतालों को ऑनलाइन भुगतान किया जाता है। जिन 39 अस्पतालों में 6239 लाभार्थियों के नाम से करीब दस करोड़ रुपये हड़प लिए गए हैं, उनके बारे में एजेंसी की जांच में यह पता चला है कि साचीज के किसी भी अधिकारी की ओर से संबंधित अस्पतालों को भुगतान नहीं किया गया है।

फर्जी तरीके से एजेंसी के सीईओ, वित्त प्रबंधक और लेखाधिकारी की लॉग इन आईडी से फर्जीवाड़ा किया गया है। यह फर्जीवाड़ा इसी एक मई से 22 मई के बीच किया गया। सभी भुगतान अफसरों की आईडी से देर रात को किए गए और कुछ चुनिंदा अस्पतालों को ज्यादा भुगतान किया गया। इसे लेकर एजेंसी के अफसरों को शक हुआ तो गोपनीय जांच के दौरान यह घोखाधड़ी का पता चला। फिलहाल एजेंसी के अधिकारियों से पूछताछ कर दोषियों का पता लगाने में पुलिस जुटी है। पुलिस का दावा है कि जल्दी ही धोखाधड़ी करने वालों को पकड़ा जाएगा.

यूपी में 5 हजार से ज्यादा अस्पताल योजना में सूचीबद्ध

अर्चना वर्मा का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 5,872 से अधिक चिकित्सालय योजना में सूचीबद्ध हैं, जिनमें 2,923 निजी अस्पताल शामिल हैं। ये सूचीबद्ध चिकित्सालय कई सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं भी प्रदान कर रहे हैं, जिनके माध्यम से लाभार्थियों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं।

प्रदेश में 5.28 करोड़ से ज्यादा पात्र लाभार्थियों के पास आयुष्मान कार्ड

प्रदेश में अब तक 5,28,74,577 पात्र लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं, जो इस योजना की व्यापक पहुंच और प्रभावशीलता को दर्शाते हैं। आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख तक इलाज मुफ्त मिलता है। प्रदेश में हर वर्ष इस योजना पर 3000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

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