सीएम भूपेंद्र पटेल ने सोने की झाडू लगा कर की भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की शुरूआत, पीएम मोदी ने देशवासियों को बधाई दी
अहमदाबाद, 20 जून। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने यहां मंगलवार को सुबह रथयात्रा के मार्ग में सोने की झाडू लगाने की “पहिंद” विधि पूरी कर भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा की शुरूआत की। अहमदाबाद के जमालपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा आज सुबह सात बजकर पांच मिनट रवाना हुई। रथयात्रा पुराने शहर के शाहपुर और दरियापुर जैसे संवेदनशील विस्तारों से परंपरागत मार्गों पर होकर शाम को साढ़े आठ बजे निज मंदिर में वापस आएगी।
अहमदाबाद की भगवान जगन्नाथ रथयात्रा जगन्नाथपुरी की रथयात्रा की तर्ज पर ही सुबह निकली जिसमें भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के साथ भगवान खुद भक्तों को दर्शन देने नगर यात्रा पर निकले हैं। रथयात्रा दोपहर बाद भगवान के ननीहाल मामा, मौसी के घर के प्रतीक स्वरूप सरसपुर पहुंचेगी जहां विश्राम के बाद देर शाम वापस मंदिर लौट आएगी। सरसपुर में हजारों श्रद्धालु प्रसाद स्वरूप भोजन भी करेंगे।
सीएम पटेल ने इस अवसर पर कहा कि, “हमारी संस्कृति और परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अहमदाबाद शहर में रथयात्रा निकल रही है, तब मैं सभी लोगों को रथयात्रा की शुभकामनाएं देता हूं।” भगवान जगन्नाथ जी के चरणों में उन्होंने प्रार्थना की है कि रथयात्रा के लिए सभी का उत्साह हमेशा बना रहे और राज्य के नागरिकों की सुख-शांति और समृद्धि में निरंतर वृद्धि होती रहे।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी और सभी के अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और आध्यात्मिक समृद्धि की कामना की। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, “रथ यात्रा की सभी को शुभकामनाएं। हम इस पवित्र अवसर का उत्सव मना रहे हैं, ऐसे में भगवान जगन्नाथ की दिव्य यात्रा हमारे जीवन को स्वास्थ्य, खुशी और आध्यात्मिक समृद्धि से भर दे।” प्रधानमंत्री ने ‘आषाढ़ी बीज’ के अवसर पर सभी को, खासतौर पर दुनिया भर में रहने वाले कच्छी समुदाय के लोगों को बधाई दी। रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ से जुड़ा एक त्योहार है। यह उसी दिन मनाया जाता है, जिस दिन गुजरात के कच्छी समुदाय के लोग अपना नया साल मनाते हैं।
रथ यात्रा की शुरुआत सबसे पहले गजराज से होती है। इसलिए करीब 18 सजे हुए गजराज यात्रा में सबसे आगे हैं। उसके बाद 101 प्रकार की झांकियां ट्रक में सजायी गयी हैं। इस दौरान कसरत के प्रयोग दिखाते हुए 30 अखाड़े, 18 भजन मंडली, तीन बैंडबाजे भी भगवान के रथ के साथ हैं। करीब 2000 से अधिक साधु-संत हरिद्वार, अयोध्या, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथपुरी और सौराष्ट्र से इस रथयात्रा में शामिल हुए हैं। रास्ते में 1,000 से 2,000 लोग रथ खींचते रहेंगे।
इस रथयात्रा के लिये प्रसाद के भी खास इंतजाम किए गए हैं। जिसमें करीब 30 हजार किलोग्राम मूंग, 500 किलोग्राम जामुन, 500 किलोग्राम आम, 400 किलोग्राम ककड़ी, अनार और खिचड़ी का प्रसाद रथयात्रा के दौरान बांटा जाएगा। अहमदाबाद के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील पुराने इलाकों से होकर गुजरने वाली रथयात्रा के लिए सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किये गये हैं। रथयात्रा में हजारों पुलिस तथा सुरक्षाकर्मी बंदोबस्त में हैं। रथयात्रा रूट पर रीयल टाइम मॉनिटरिंग, ड्रॉन के माध्यम से पूरी रथयात्रा की निगरानी के साथ तकनीकी युक्त सुरक्षा उपकरणों को भी रथयात्रा में जोड़ा गया हैं।
भक्तों को दर्शन देने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के साथ खुद नगर यात्रा पर निकले हैं। राज्य की राजधानी गांधीनगर, राजकोट, सूरत, भावनगर, वडोदरा, जामनगर, जूनागढ, अमरेली, दाहोद समेत राज्य के विभिन्न छोटे बडे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी रथयात्राएं आयोजित की जा रही हैं। लोगों में रथयात्रा को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है।