1. Home
  2. हिंदी
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. पीएम मोदी को क्यों हटाना चाहता है अमेरिका का अरबपति जॉर्ज सोरोस?
पीएम मोदी को क्यों हटाना चाहता है अमेरिका का अरबपति जॉर्ज सोरोस?

पीएम मोदी को क्यों हटाना चाहता है अमेरिका का अरबपति जॉर्ज सोरोस?

0
Social Share

नई दिल्ली, 17 फरवरी। अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए बयान पर बवाल मच गया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी, जॉर्ज सोरोस के निशाने पर हैं। कांग्रेस ने भी सोरोस की निंदा करते हुए कहा है कि भारत में लोकतांत्रिक बदलाव का रास्ता चुनावी प्रक्रिया है। सोरोस जैसे लोग भारतीय चुनावी नतीजे नहीं तय कर सकते।

दरअसल, जॉर्ज सोरोस ने अडानी मुद्दे पर पीएम मोदी पर निशाना साधा। सोरोस ने दावा किया है कि अडानी के मुद्दे पर भारत में एक लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब सोरोस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है।  इससे पहले 2020 में जॉर्ज ने कहा था कि मोदी के नेतृत्व में भारत तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है।

जॉर्ज सोरोस ने म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में अपने वक्तव्य में कहा कि भारत का मामला दिलचस्प है। भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। मोदी के तेजी से बड़ा नेता बनने के पीछे अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है। सोरोस ने कहा कि भारत क्वाड का मेंबर है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान भी उसके साथ हैं। भारत इसके बावजूद रूस से बड़े डिस्काउंट पर तेल खरीद रहा है और मुनाफा कमा रहा है

अडानी और मोदी के मुद्दे पर कही ये बात?

जॉर्ज ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के दावों के बाद गौतम अडानी के साम्राज्य में उथल-पुथल मची हुई है। इसकी वजह से निवेशकों का विश्वास हिल गया है। मोदी और अडानी एक दूसरे के सहयोगी हैं। अडानी ने स्टॉक मार्केट से फंड रेज करने की कोशिश की, जिसमें वह फेल हो गए। उन पर स्टॉक मार्केट के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप हैं। मोदी इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन विदेशी निवेशकों और संसद में उठ रहे सवालों का जवाब देना होगा।

जॉर्ज सोरोस ने कहा, यह भारत की संघीय सरकार पर मोदी की पकड़ को काफी कमजोर कर देगा और बहुत जरूरी संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने के दरवाजा खोल देगा। उन्होंने कहा था, ‘मुझे उम्मीद है कि भारत में एक लोकतांत्रिक परिवर्तन होगा।’

सोरोस इससे पहले 2020 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में भी भारत और पीएम मोदी को लेकर इस तरह बयान दे चुके हैं। तब उन्होंने कहा था कि मोदी के नेतृत्व में भारत तानाशाही व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और नागरिकता संसोधन कानून (CAA) का भी खुलकर विरोध किया था।

स्मृति ईरानी ने किया पलटवार

इस बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि विदेशी धरती से भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे को हिलाने का प्रयास किया जा रहा है। जॉर्ज सोरोस ने भारत के लोकतंत्र में दखल देने की कोशिश की है और पीएम मोदी उनके निशाने पर हैं।

विदेशी धरती से भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे को हिलाने का प्रयास किया जा रहा

स्मृति ने जॉर्ज सोरोस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने इंग्लैंड के बैंक को तोड़ दिया, एक व्यक्ति जिसे आर्थिक युद्ध अपराधी के रूप में नामित किया गया है, उसने अब भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने का एलान किया है। उन्होंने एलान किया है कि वो प्रधानमंत्री मोदी को अपने वार का मुख्य बिंदु बनाएंगे। सोरोस ने एलान किया है कि वह हिन्दुस्तान में अपनी विदेशी ताकत के अंतर्गत एक ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जो हिन्दुस्तान नहीं बल्कि उनके हितों का संरक्षण करेगी।

एक अरब डॉलर की फंडिंग की घोषणा

स्मृति ईरानी ने कहा कि जॉर्ज सोरोस एक ऐसी सरकार चाहते हैं, जो उनकी नापाक योजनाओं को सफल बनाने के लिए उनकी जरूरतों के अनुसार काम करे। उनके बयानों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने विशेष रूप से पीएम मोदी जैसे नेताओं को टारगेट करने के लिए एक अरब डॉलर से अधिक की फंडिंग की घोषणा की है।

एक सुर में जवाब देने का वक्त

भाजपा नेत्री ने कहा, ‘आज जॉर्ज सोरोस को हम एक सुर में यह जवाब दें कि लोकतांत्रिक परिस्थितियों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार और हमारे प्रधानमंत्री ऐसे गलत इरादों के सामने सिर नहीं झुकाएंगे। हमने विदेशी ताकतों को पहले भी हराया है, आगे भी हराएंगे।’ स्मृति ईरानी ने कहा कि आज एक नागरिक के नाते वह हर व्यक्ति, संस्था और समाज से अपील कर रही हैं कि अपने निजी लाभ के लिए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का कमजोर करने की मंशा रखने वाले इस व्यक्ति की निंदा करें।

कांग्रेस ने भी दिखाया आईना

उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर जॉर्ज सोरोस को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा, ‘पीएम से जुड़ा अडानी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है। इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है। हमारी नेहरूवादी विरासत सुनिश्चित करती है कि उन जैसे लोग हमारे चुनाव परिणाम तय नहीं कर सकते।’

कौन हैं जॉर्ज सोरोस?

जॉर्ज सोरोस का जन्म 12 अगस्त, 1930 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। वह खुद को दार्शनिक और सामाजिक कार्यकर्ता भी बताते हैं। हालांकि, उन पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप लगता रहता है। सोरोस ने 2020 में नरेंद्र मोदी, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम दुनिया के तानाशाह के तौर पर बताया था।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published.

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code