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कीमत को स्थिर रखने के लिए गेहूं के स्टॉक की सीमा तय, केंद्र ने कहा- देश में खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध

कीमत को स्थिर रखने के लिए गेहूं के स्टॉक की सीमा तय, केंद्र ने कहा- देश में खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध

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नई दिल्ली, 21 फरवरी। केंद्र सरकार की किसानों के हित में लिए फैसले का परिणाम है कि आज देश में खाद्यान की कमी नहीं है। ये बात खुद केंद्र सरकार ने स्पष्ट की है। जी हां, देश में 2024 के रबी सीजन में 1,132 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं का उत्पादन हुआ है और देश में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध है। सरकार द्वारा यह जानकारी दी गई।

खाद्य सुरक्षा के प्रबंधन और जमाखोरी को रोकने के लिए केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं पर स्टॉक सीमा लागू की है।

गेहूं की कीमत को एक सीमा में रखने के लिए सरकार ने गेहूं के स्टॉक की सीमा को संशोधित किया है, जो कि 31 मार्च, 2025 तक लागू है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा, “गेहूं का स्टॉक रखने वाली सभी संस्थाओं को व्हीट स्टॉक लिमिट पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है और हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की जानकारी इस पोर्टल पर अपडेट करनी होगी।”

अगर किसी स्थिति में स्टॉक करने वाली संस्थाओं के पास तय लिमिट से ज्यादा स्टॉक है, तो उन्हें नोटिफिकेशन के 15 दिनों के अंदर स्टॉक को तय सीमा के अनुसार करना होगा। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग देश में कीमतों को नियंत्रित करने और आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।

महीने की शुरुआत में सरकार ने कहा था कि चालू सीजन में अब तक विभिन्न रबी फसलों के तहत देश में बोया गया कुल कृषि क्षेत्र पिछले वर्ष की समान अवधि के 651.42 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 661.03 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। गेहूं की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के 318.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 324.38 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप इस मौसम में अनाज का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।

अधिक उत्पादन की संभावना के चलते आने वाले समय में खाद्य महंगाई में कमी आने की उम्मीद है। वहीं, अच्छे मानसून, न्यूनतम समर्थन मूल्य और इनपुट की पर्याप्त आपूर्ति के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सपोर्ट मिल सकता है।

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