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बिहार चुनाव : पहले चरण की 121 सीटों पर मतदान आज, तेजस्वी व सम्राट समेत कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला

बिहार चुनाव : पहले चरण की 121 सीटों पर मतदान आज, तेजस्वी व सम्राट समेत कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला

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पटना, 5 नवम्बर। बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए गुरुवार को 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में 3.75 करोड़ मतदाता 1,314 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इनमें विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव और उप मुख्यमंत्री भाजपा के सम्राट चौधरी जैसे कई दिग्गज नेताओं की किस्मत का फैसला होगा।

तेजस्वी यादव के सामने ये दो नेता

तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से लगातार तीसरी जीत दर्ज करने के इरादे से मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा के सतीश कुमार हैं, जिन्होंने 2010 में तेजस्वी की मां राबड़ी देवी को हराया था। हालांकि, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर, जिन्होंने पहले तेजस्वी के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया था, अब मैदान में नहीं हैं और उनकी पार्टी ने चंचल सिंह को उम्मीदवार बनाया है।

महुआ सीट पर तेज प्रताप बहुकोणीय मुकाबले में हैं

वहीं, तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव, जिन्होंने राजद से बगावत के बाद अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई है, महुआ सीट से बहुकोणीय मुकाबले में हैं। इस सीट पर मौजूदा आरजेडी विधायक मुकेश रौशन को कड़ी टक्कर मिल रही है। यहां लोजपा (राम विलास) के उम्मीदवार संजय सिंह और निर्दलीय अशमा परवीन की मौजूदगी मुकाबले को और दिलचस्प बना रही है।

दोनों डिप्टी सीएम सहित बिहार सरकार के कई मंत्री मैदान में

पहले चरण में बिहार सरकार के कई मंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों की किस्मत का फैसला होगा। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से लगातार चौथी बार जीत की कोशिश में हैं, जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के अमरेश कुमार और जन सुराज पार्टी के सूरज कुमार से है।

वहीं, सम्राट चौधरी करीब एक दशक बाद तारापुर से प्रत्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं। आरजेडी के अरुण कुमार साह उनके मुख्य प्रतिद्वंदी हैं, जिन्होंने पिछली बार केवल पांच हजार वोटों के अंतर से हार झेली थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री मंगल पांडे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह सीवान सीट से मैदान में हैं। उनका मुकाबला आरजेडी के दिग्गज अवध बिहारी चौधरी से है, जो कई बार के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं।

दरअसल करीब एक दर्जन मंत्री मैदान में हैं, जिनमें भाजपा के नितिन नवीन (बैंकिपुर), संजय सरावगी (दरभंगा), जिबेश कुमार (जाले) और केदार प्रसाद गुप्ता (कुरहनी) अपनी सीट बचाने की कोशिश में हैं। जदयू के श्रवण कुमार (नालंदा) और विजय कुमार चौधरी (सरायरंजन) की किस्मत का भी फैसला इसी चरण में होगा।

मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शाहाब भी किस्मत आजमा रहे

रघुनाथपुर सीट भी सुर्खियों में है, जहां दिवंगत बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शाहाब मैदान में हैं। एनडीए ने उनके नामांकन को ‘जंगलराज की वापसी’ करार दिया है। भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने तो यहां तक कहा कि ‘ओसामा नाम सुनकर लोगों को ओसामा बिन लादेन की याद आती है।’

मोकामा सीट भी चर्चाओं के केंद्र में

इस चरण के सबसे चर्चित मुकाबलों में से एक मोकामा की सीट है, जहां जेल में बंद जदयू विधायक अनंत सिंह का मुकाबला आरजेडी की वीणा देवी से है, जो बाहुबली सूरजभान की पत्नी हैं। इस चरण में लोकगायक मैथिली ठाकुर (भाजपा – अलीगंज), भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव (आरजेडी – छपरा) और रितेश पांडे (जन सुराज पार्टी – करगहर) सरीखे कई चर्चित चेहरे भी मैदान में हैं।

पटना की दीघा सीट पर सबसे ज्यादा 4.58 लाख मतदाता

वोटरों की बात करें तो पटना की दीघा सीट पर सबसे ज्यादा 4.58 लाख मतदाता हैं जबकि बरबीघा (शेखपुरा) में सबसे कम 2.32 लाख मतदाता। कुरहनी और मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा 20-20 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि भोर, अलौली और परबत्ता सीटों पर सबसे कम 5-5 प्रत्याशी हैं।

वोटिंग के लिए कुल 45,341 मतदान केंद्र

निर्वाचन आयोग के अनुसार पहले चरण की वोटिंग के लिए कुल 45,341 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 36,733 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इस चरण में 10.72 लाख नए मतदाता और 7.38 लाख 18-19 आयु वर्ग के मतदाता शामिल हैं। इन 121 सीटों की कुल जनसंख्या लगभग 6.60 करोड़ है जबकि मतदाता सूची में 3.75 करोड़ नाम दर्ज हैं। राज्यभर में मतदाताओं की कुल संख्या 7.24 करोड़ है, जो विशेष पुनरीक्षण के बाद पहले की तुलना में लगभग 60 लाख कम है।

सुरक्षा चाक-चौबंद, CAPF की 1500 कम्पनियां, 4.5 लाख पुलिसकर्मी

वहीं पहले चरण के मतदान के लिए सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मतदान केंद्र से लेकर नदी और टाल क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। केंद्रीय सुरक्षा बल (सीएपीएफ) की 1500 कम्पनियों ने चिह्नित जिलों और इलाकों में मोर्चा संभाल लिया है। इनके अलावा एसटीएफ, जिला पुलिस, 20 हजार प्रशिक्षु सिपाही, होमगार्ड जवान समेत 4.5 लाख पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

चुनाव में हिंसा करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे – डीजीपी

डीजीपी विनय कुमार ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि विधानसभा चुनाव में हिंसा, उपद्रव या कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसी किसी घटना में प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी होगी। चुनाव बाद उच्च प्राथमिकता के आधार पर इन केसों का स्पीडी ट्रायल कर उनको सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने आम लोगों से भयमुक्त होकर मतदान की अपील की।

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