उत्तर प्रदेश : उन्नाव में प्रशासनिक आचरण से व्यथित 16 सरकारी डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
उन्नाव, 13 मई। कोरोना महामारी से लड़ाई के बीच उन्नाव जिले में प्रशासन के तानाशाहीपूर्ण आचरण एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के असहयोग से व्यथित 16 सरकारी चिकित्सकों ने अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। ये डॉक्टर भिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रभारी हैं।
उन्नाव के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. आशुतोष के न मिलने पर डिप्टी सीएमओ डॉ. तन्मय कक्कड़ को अपना इस्तीफा सौंपने वाले सीएचसी व पीएचसी के प्रभारी चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना के बीच वे पूरी निष्ठा के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने दंडात्मक आदेश जारी करते हुए तानाशाही रवैया अख्तियार कर रखा है। यही नहीं बल्कि विभागीय उच्चाधिकारी भी असहयोग कर रहे हैं।
सामूहिक त्यागपत्र देने वालों चिकित्सकों में डॉ. मनोज, डॉ. विजय कुमार, डॉ. बृजेश कुमार, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. शरद वैश्य, डॉ. पंकज पांडेय और अन्य सीएचसी प्रभारी शामिल हैं। सामूहिक इस्तीफे की एक प्रति स्वास्थ्य विभाग के बड़े अफसरों के साथ चिकित्सक संघ को भी भेजी गई है।
गंजमुरादाबाद पीएचसी के प्रभारी डॉ. संजीव कुमार ने कहा, ‘हमारे साथ जैसा व्यवहार किया जा रहा है, उससे हम परेशान हैं। आरटी-पीसीआर टेस्ट हो या फिर कोविड वैक्सिनेशन अथवा अन्य कोई कार्यक्रम, हर मामले में तत्काल टारगेट थमा दिया जाता है। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से अभद्र व्यवहार भी किया जाता है।’
एक अन्य सीएचसी प्रभारी ने डॉ. मनोज ने आरोप लगाया कि चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एसोहा और कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी फतेहपुर चौरासी को स्पष्टीकरण का मौका दिए बिना प्रभारी के पद से हटा दिया गया और उन्हें कोविड कमांड रूम में रखा गया। देखा जाए तो सभी सीएचसी प्रभारी एकतरफा कार्रवाई से पीड़ित हैं।