मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को यूसीसी अस्वीकार्य, मौलाना खालिद बोले – मुल्क में इसकी जरूरत नहीं
लखनऊ, 5 जुलाई। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) संबंधित विधेयक संसद के मॉनसून सत्र में लाने की कवायद में जुटी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत एनडीए सरकार एकतरफ जहां जनमत तैयार कर रही है वहीं कई विपक्षी दल इस बाबत अपनी स्थिति स्पष्ट करने में अब तक खुद को असहज पा रहे हैं। फिलहाल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने अपना रुख साफ कर दिया है और बुधवार को यहां हुई बैठक में यूसीसी का विरोध करते हुए स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि मुल्क को इसकी जरूरत नहीं है।
एआईएमपीएलबी के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में बोर्ड के सभी लोग शामिल थे। मीटिंग में UCC पर चर्चा हुई और सभी ने इसका विरोध किया है। यूनिफॉर्म सिविल कोड की मुल्क में कोई जरूरत नहीं है।
बोर्ड ने एक पत्र जारी कर लोगों से यूसीसी के विरोध की अपील की
मौलाना खालिद ने कहा कि इसका मसला सिर्फ मुस्लिम का नहीं बल्कि कई और कम्यूनिटीज का है। पांच साल पहले भी इसपर चर्चा हुई थी। तब 21वें लॉ कमीशन ने कहा था कि मुल्क को इसकी ज़रूरत नही है। लोग भी इस पर अपनी राय दे रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी एक लेटर जारी किया है। इसमे लोगों से उनकी राय मांगी गई है और कहा गया है कि UCC का सभी लोग विरोध करें।
इससे पहले एआईएमपीएलबी के सदस्य और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सार्वजनिक रूप से यूसीसी का विरोध कर चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, “यूसीसी के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी ‘हिन्दू सिविल कोड’ लाना चाहते हैं, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। प्रधानमंत्री समानता की बात करते हैं, लेकिन हकीकत में वे इससे कोसों दूर हैं। मेरे देश के प्रधानमंत्री को कोई जाकर समझाए कि समानता और अनेकता अलग-अलग चीज है।”
पूर्व मंत्री मोहसिन रजा का यूसीसी विरोध को लेकर पर्सनल लॉ बोर्ड पर हमला
दूसरी तरफ यूसीसी का विरोध करने का पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले पर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री मोहसिन रजा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दरअसल, मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड है। मोहसिन रजा ने कहा कि मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड होने के नाते ये लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध कर रहे हैं। सभी समाज के साथ मुस्लिम समाज को एक समान अधिकार मिलने से मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड की दुकानें बंद हो रही हैं।
‘यह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं बल्कि मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड‘
मोहसिन रजा ने कहा कि ये संगठन नहीं चाहते कि ट्रिपल तलाक समाप्त होने से जिस तरह मुस्लिम समाज की बहनों और बेटियों के पांव में पड़ी बेड़ी समाप्त हुई हैं, उसी तरह और क़ानून बने, जिससे मुस्लिम समाज के और अधिकार सुरक्षित होते हों। उन्होंने कहा, ‘मैं आश्वस्त करता हूं कि जिस तरह ट्रिपल तलाक कानून आया, उसी तरह यूनिफॉर्म सिविल कोड का कानून भी देशहित में और जनहित में आएगा।