
राजस्थान : झालावाड़ में दो सहेलियों ने अदालत से ली लिव-इन में रहने की अनुमति, किया शादी का दावा!
झालावाड़, 10 दिसम्बर। राजस्थान में झालावाड़ जिले के भवानी मंडी कस्बे में दो समलैंगिक युवतियों ने एक दूसरे के साथ रहने का फैसला किया है। दोनों युवतियों ने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए सोमवार को स्थानीय अदालत में एक सहमति पत्र दाखिल किया, जिसके बाद उन्हें साथ रहने की इजाजत मिली है। दोनों युवतियां एक दूसरे के साथ विवाह करने का भी दावा कर रहीं हैं।
हालांकि भवानी मंडी कोर्ट में सीनियर एडवोकेट स्वतंत्र कुमार व्यास ने इसे गलत बताया है। उन्होंने कहा कि दोनों युवतियों ने एक साथ रहने के लिए कोर्ट में लिव-इन रिलेशनशिप के लिए आवेदन किया था, विवाह का किया जा रहा दावा झूठा है। सोमवार को दोनों युवतियां अपने परिजनों के साथ कोर्ट में पहुंची थी, जिन्होंने एक साथ रहने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था। इसके बाद दोनों को लिव-इन रिलेशनशिप का सहमति पत्र जारी किया गया।
समलैंगिक शादियों को भारत में मान्यता नहीं
वहीं इस मामले में सीनियर अधिवक्ता व बाल कल्याण समिति के सदस्य गजेंद्र सेन का कहना है कि हिन्दू मैरिज एक्ट के अनुसार समलैंगिक शादियों को भारत में मान्यता नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि समलैंगिक एडल्ट युवाओं के द्वारा साथ रहने के लिए कोर्ट में लिव इन रिलेशनशिप के तहत एग्रीमेंट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों बालिकाओं के ऊपर हिन्दू मैरिज एक्ट लागू होता है, ऐसे में दोनों के द्वारा किया जा रहा विवाह का दावा कानूनी रूप से वैध नहीं ठहराया जा सकता।
प्यार में तब्दील हुई 4 वर्षों की दोस्ती
भवानी मंडी निवासी किरण (परिवर्तित नाम) ने बताया कि चार वर्ष पूर्व उसकी दोस्ती उषा (परिवर्तित नाम) से हुई थी। पिछले चार वर्षों से दोनों एक दूसरे के संपर्क में थी और साथ रहते हुए दोनों की दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई। अब दोनों एक दूसरे से विवाह करना चाहती थीं, लेकिन परिवार की ओर से इसका विरोध करने पर उन्होंने न्यायालय की शरण ली। सोमवार को उन्होंने भवानी मंडी कोर्ट में लव मैरिज करने के लिए आवेदन दिया था। इस पर कोर्ट ने दोनों को लिव-इन में रहने की इजाजत दे दी है।
दूल्हा बनी किरण (परिवर्तित नाम) ने बताया कि उषा (परिवर्तित नाम) के परिजन दोनों की दोस्ती से खुश नहीं थे और साथ रहने पर आपत्ति जताते थे। इस बात को लेकर उषा के परिवार में हमेशा झगड़ा हुआ करता था। ऊषा को प्रताड़ित किए जाने पर उसने किरण से लव मैरिज करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर उसके परिजनों ने इस पर सहमति दे दी। किरण ने बताया कि कोर्ट ने उनको लिव-इन में रहने की इजाजत दी है। उसने हिन्दू रस्म के अनुसार भगवान को साक्षी मानकर उषा की मांग में सिंदूर भरा है। भविष्य में वह उसके पति की भूमिका निभाएगी और दोनों साथ रहकर परिवार का पालन पोषण करेंगी। किरण के परिजनों ने उषा को बहू के रूप में स्वीकार करते हुए अपने घर में रहने की इजाजत दे दी है।