टोक्यो ओलंपिक : भाला प्रक्षेपक नीरज ने रचा इतिहास, स्वर्ण पदक के साथ किया भारतीय अभियान का समापन
टोक्यो, 7 अगस्त। भारतीय दल ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में अंततः स्वर्णिम मुस्कान बिखेरी, जब उसके भाला प्रक्षेपक नीरज चोपड़ा ने शनिवार को ओलंपिक स्टेडियम की दूधिया रोशनी में नए इतिहास का सृजन करते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया। ओलंपिक खेलों में यह पहला अवसर है, जब एथलेटिक्स मुकाबलों में किसी खिलाड़ी ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।
चोपड़ा ने अपने दूसरे ही प्रयास में स्वर्णिम लक्ष्य साधा
पानीपत के 23 वर्षीय एथलीट नीरज ने 12 प्रक्षेपकों के बीच फाइनल के दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का प्रक्षेप किया, जो स्वर्ण तमगे के लिए पर्याप्त साबित हुआ क्योंकि अंत तक कोई अन्य प्रक्षेपक इस दूरी को छू नहीं सका। चेक गणराज्य के दो एथलीट – जेकब वाडलेच (86.67 मीटर, पांचवां प्रयास) व विटेस्लाव वेसली (85.44 मीटर, तीसरा प्रयास) क्रमशः रजत व कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।
नीरज ने शुरुआत भी सबसे ज्यादा 87.03 मीटर के प्रक्षेप के साथ की थी। लेकिन दूसरा प्रयास तो स्वर्णिम बन गया। हालांकि इसके बाद उनका तीसरा प्रयास 76.79 मीटर तक गया जबकि चौथे और पांचवें प्रयास में फाउल कर बैठे। सबसे अंत में छठे प्रयास के लिए उतरने के पहले ही उनका स्वर्ण पक्का हो चुका था, फिर भी उन्होंने कोशिश की और 84.24 मीटर का प्रक्षेप किया।
व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भारत को 13 वर्षों बाद स्वर्ण पदक
चोपड़ा की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ ही भारत ने 13 वर्षो बाद ओलंपिक की किसी व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। इसके पूर्व 2008 के बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में गोल्ड जीता था।
ओलंपिक में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
दिलचस्प यह है कि वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने पदक स्पर्धाओं के पहले ही दिन रजत पदक से भारत का खाता खोला था और अब खेलों के 16वें दिन नीरज ने भारतीय अभियान का स्वर्णिम समापन कर दिया। इसी क्रम में भारत ने टोक्यो में सात पदक (एक स्वर्ण, दो रजत, चार कांस्य) जीतने के साथ ही ओलंपिक खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी कर दिया है। इसके पूर्व भारत ने लंदन ओलंपिक 2012 में छह मेडल अपने नाम किए थे।
टोक्यो खेलों में नीरज चोपड़ा (एथलेटिक्स, स्वर्ण पदक) मीराबाई चानू (भारोत्तोलन, रजत पदक), रवि दहिया (कुश्ती, रजत पदक), पी.वी. सिंधु (कांस्य पदक), लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी, कांस्य पदक) व बजरंग ने जहां व्यक्तिगत स्पर्धाओं में पदक जीते वहीं भारतीय पुरुष हॉकी टीम भी कांस्य पदक जीतने में सफल रही।