112 भारतीयों को लेकर अमृतसर लैंड हुआ तीसरा अमेरिकी विमान, हरियाणा के सबसे ज्यादा 44 लोग
चंडीगढ़, 16 फरवरी। अमेरिका में डंकी रूट से घुसे 112 भारतीयों को लेकर तीसरा अमेरिकी सैन्य विमान रविवार को रात्रि लगभग 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। एयरपोर्ट के अंदर पहले सभी के दस्तावेजों की चेकिंग की गई। इसके साथ यह भी देखा गया कि किसी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं। सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनके परिजनों के हवाले किया जाएगा। तीसरे बैच में वापस भेजे गए भारतीयों में हरियाणा के सबसे ज्यादा 44, गुजरात के 33, पंजाब के 31, उत्तर प्रदेश के दो, हिमाचल व उत्तराखंड के एक-एक लोग शामिल हैं।
शनिवार की रात भी लौटे थे 116 अवैध भारतीय प्रवासी
इससे पहले अमेरिका से 116 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर दूसरा सैन्य विमान सी-17 ए ग्लोबमास्टर-3 शनिवार रात 11.30 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। पहले 119 आप्रवासियों को डिपोर्ट करने के खबरें थीं, लेकिन बाद में लिस्ट अपडेट की गई। इस विमान में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से दो-दो और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल थे।
गत छह फरवरी को वापस भेजे गए थे 104 अवैध आप्रवासी
वहीं गत छह फरवरी को अमेरिका का सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों के पहले जत्थे को लेकर अमृतसर में उतरा था। इनमें हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तीन-तीन तथा चंडीगढ़ से दो लोग शामिल थे।
हरियाणा ने लोगों को लेने के लिए वोल्वो बस भेजी
फिलहाल हरियाणा सरकार ने इस बार अपने राज्य के बाशिंदों को लेने के लिए वोल्वो बस भेजी। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हरियाणा के लोगों को लाने के लिए हरियाणा की भाजपा सरकार के फिर से अमृतसर एयरपोर्ट पर कैदियों वाली बस भेजने पर पंजाब के एनआईआर मंत्री कुलदीप धालीवाल भड़क गए थे। उन्होंने कैदी वैन की वीडियो बनाई और हरियाणा के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल विज को घेर लिया।
कुलदीप धालीवाल ने अनिल विज से कहा, ‘आप भाजपा के बड़े नेता हैं। आपके पास ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री है। मेरी गुजारिश है कि कोई और बस भेजा करें। अमेरिका से भेजे गए हरियाणा के युवाओं को ले जाने के लिए हरियाणा ने कैदी वैन भेजी है। क्या हरियाणा के पास कोई ढंग की बस नहीं है? ये युवा अमेरिका में आरोपित हैं, हरियाणा में नहीं। वे कोई आतंकी नहीं हैं।’
