1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. कर्नाटक : कोलार की महिला में मिला दुनिया का नया और अनोखा ब्लड ग्रुप, CRIB नाम से हुई पहचान
कर्नाटक : कोलार की महिला में मिला दुनिया का नया और अनोखा ब्लड ग्रुप, CRIB नाम से हुई पहचान

कर्नाटक : कोलार की महिला में मिला दुनिया का नया और अनोखा ब्लड ग्रुप, CRIB नाम से हुई पहचान

0
Social Share

बेंगलुरु, 31 जुलाई। कर्नाटक के कोलार जिले की एक 38 वर्षीया महिला में दुनिया का एक बिल्कुल नया रक्त समूह पाया गया है, जिसे ‘CRIB’ नाम दिया गया है। यह खोज रक्त विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।

यह मामला तब सामने आया, जब महिला को कोलार के एक अस्पताल में हृदय शल्य चिकित्सा (हार्ट सर्जरी) के लिए भर्ती किया गया था। उनका रक्त समूह सामान्यत: O Rh+ था, लेकिन जब सर्जरी से पहले उन्हें रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ी, तो उपलब्ध कोई भी O-पॉजिटिव यूनिट उनके शरीर से मेल नहीं खा रही थी।

यह देखकर अस्पताल ने मामला रोटरी बैंगलोर टीटीके ब्लड सेंटर की एडवांस्ड इम्यूनोहेमेटोलॉजी रेफरेंस लैब भेजा। लैब ने जब एडवांस्ड सेरोलॉजिकल तकनीकों से जांच की, तो पता चला कि महिला का रक्त ‘पैनरिएक्टिव’ है, यानी यह किसी भी सामान्य रक्त सैंपल से मेल नहीं खा रहा था। इससे संदेह हुआ कि यह कोई दुर्लभ या अब तक अज्ञात रक्त समूह हो सकता है।

इसके बाद महिला के 20 परिजनों के रक्त सैंपल की भी जांच की गई, लेकिन कोई मेल नहीं मिला। डॉक्टर्स और परिवार के सहयोग से बिना रक्त चढ़ाए ही महिला की सफल हार्ट सर्जरी की गई। आगे जांच के लिए महिला और उनके परिवार के रक्त सैंपल ब्रिटेन की इंटरनेशनल ब्लड ग्रुप रेफरेंस लेबोरेटरी (IBGRL), ब्रिस्टल भेजे गए। वहां 10 महीनों के व्यापक शोध और आणविक परीक्षण के बाद एक नए रक्त एंटीजन की खोज हुई, जिसे “CRIB” नाम दिया गया।

CRIB नाम में CR का मतलब है Cromer (एक मौजूदा रक्त समूह प्रणाली), और IB का मतलब है India-Bangalore, जहां इस खोज की शुरुआत हुई। यह नया एंटीजन क्रोमर ब्लड ग्रुप सिस्टम का हिस्सा है। जून 2025 में मिलान, इटली में आयोजित इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन (ISBT) की 35वीं रीजनल कांग्रेस में इस खोज की आधिकारिक घोषणा की गई।

यह महिला दुनिया की पहली व्यक्ति हैं, जिनमें यह नया CRIB एंटीजन पाया गया है। इस खोज के बाद, रोटरी बैंगलोर टीटीके ब्लड सेंटर ने कर्नाटक स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल और मुंबई स्थित ICMR के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोहेमेटोलॉजी (IIH) के सहयोग से एक “रेयर डोनर रजिस्ट्री” शुरू की है। यह पहल दुर्लभ रक्त समूहों वाले मरीजों को समय पर सही रक्त मुहैया कराने के लिए की गई है। इस खोज से न केवल भारत को वैश्विक रक्त विज्ञान में एक नई पहचान मिली है, बल्कि यह दुर्लभ रक्त समूहों पर शोध और मरीजों को जीवन रक्षक सहायता देने की दिशा में एक बड़ी प्रगति है।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code