इजराइल-हमास जंग के बीच 57 इस्लामिक देशों के शीर्ष ग्रुप OIC ने बुलाई तत्काल बैठक
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। दुनियाभर के 57 इस्लामिक देशों के शीर्ष ग्रुप – इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने इजराइल और फलस्तीन चरमपंथी गुट हमास के बीच गाजा में जारी भीषण लड़ाई से उत्पन्न विकट स्थिति पर चर्चा के लिए सऊदी अरब में एक तत्काल असाधारण बैठक बुलाई है।
ओआईसी के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब ने जेद्दा में बुधवार को बुलाई है बैठक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार OIC सैन्य वृद्धि और गाजा में रक्षाहीन नागरिकों के लिए उपजे खतरे पर बात करना चाहता है। इसी सिलसिले में इस्लामिक शिखर सम्मेलन के मौजूदा सत्र की अध्यक्षता करने वाले सऊदी अरब ने बुधवार को जेद्दा में होने वाली बैठक के लिए सदस्य देशों को आमंत्रित किया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में युद्ध को लेकर कोई अहम फैसला लिया जा सकता है।
ओआईसी ने वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा, ‘सऊदी अरब के निमंत्रण पर संगठन की कार्यकारी समिति गाजा और उसके परिवेश में बढ़ती सैन्य स्थिति के साथ-साथ खतरे में पड़ने वाली बिगड़ती स्थितियों को संबोधित करने के लिए मंत्री स्तर पर एक तत्काल ओपन एंडेड असाधारण बैठक बुला रही है।’
At the invitation of #SaudiArabia: An urgent Ministerial Meeting of the Executive Committee of the #OIC to Discuss the Military Escalation and the Threat to Defenseless Civilians in #Gaza is Scheduled for Wednesday in #Jeddah: https://t.co/wZvaCyIVvb pic.twitter.com/SMYGEfSuUW
— OIC (@OIC_OCI) October 14, 2023
संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा संगठन है ओआईसी
दरअसल, ओआईसी चार महाद्वीपों में फैले 57 इस्लामिक देशों की सदस्यता के साथ संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा संगठन है। यह खुद को मुस्लिम जगत की सामूहिक आवाज बताता है। ओआईसी की तत्काल बैठक का आह्वान उस दिन आया है, जब सऊदी अरब ने इजराइल के साथ संबंधों को संभावित रूप से सामान्य बनाने पर बातचीत निलंबित कर दी है। एक सूत्र ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, ‘सऊदी अरब ने संभावित सामान्यीकरण पर चर्चा रोकने का फैसला किया है और अमेरिकी अधिकारियों को इसके बारे में बता दिया है।’
गौरतलब है कि हमास ने गत सात अक्टूबर को इजराइल पर बड़े पैमाने पर हमला किया था, जिसमें 1,300 लोग मारे गए। इसके बाद इजराइल की ओर से जवाबी बमबारी अभियान शुरू हुआ, जिसमें क्षेत्र पर संभावित इजरायली जमीनी आक्रमण से पहले गाजा पट्टी में कम-से-कम 2,215 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा, दोनों जगह हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं।
इजराइली सेना ने 10 लाख फलस्तीनियों को उत्तरी गाजा खाली करने को कहा है
असल कहानी यह है कि इजराइली सेना ने कम-से-कम 10 लाख फलस्तीनियों को उत्तरी गाजा को खाली करके सुदूर दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया था, जिसके बाद लोगों ने बड़ी संख्या में क्षेत्र से पलायन कर दिया। वहीं, मिस्र के अधिकारियों ने कहा कि विदेशी नागरिकों को बाहर निकलने की अनुमति देने के लिए दक्षिणी राफा सीमा कई दिनों में पहली बार शनिवार के बाद खुलेगी।
इजरायल ने कहा है कि फलस्तीनी स्थानीय समयानुसार पूर्वाह्न 10 बजे से शाम चार बजे तक सुरक्षित रूप से दो मुख्य मार्गों से यात्रा कर सकते हैं। इजराइल की ओर से शुक्रवार को जारी हमलों के बीच लोग कार, ट्रक और खच्चरों पर परिजनों के अलावा जरूरत का कुछ सामान लाद कर दक्षिण में मुख्य सड़कों की तरफ निकल पड़े। हालांकि, हमास ने गाजा के निवासियों से अपने घरों में ही रहने का आग्रह किया, फिर भी हजारों फिलिस्तीनी पहले ही दक्षिण की ओर जा चुके हैं। लेकिन आबादी का बड़ा हिस्सा 20 किलोमीटर दूर तक फैला हुआ है।
हवाई हमलों से ध्वस्त हो चुकी हैं सड़कें
गाजा में हवाई हमलों से कई सड़कें ध्वस्त हो गई हैं और ईंधन की भी कमी हो गई है। हजारों लोग निकासी क्षेत्र के दक्षिण में दीर अल-बलाह में संयुक्त राष्ट्र द्वारा संचालित स्कूल-आश्रय में गए हैं। इजरायल की सेना ने कहा कि उसके सैनिकों ने आतंकवादियों के सफाए के लिए गाजा में अस्थायी छापे मारे और लगभग एक सप्ताह पहले इजराइल पर हमास के हमले के बाद अगवा किए गए लगभग 150 लोगों की तलाश की।
मृतकों की संख्या को लेकर दोनों पक्षों के दावे
इसब बीच गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि क्षेत्र में 724 बच्चों और 458 महिलाओं समेत 2,200 से अधिक लोग मारे गए हैं। वहीं इजरायल की सरकार ने कहा कि हमास के हमले में 1,300 से अधिक इजरायली मारे गए, जिनमें से अधिकतर आम नागरिक थे और लड़ाई के दौरान लगभग 1,500 हमास आतंकवादी मारे गए।