नई दिल्ली, 21 दिसम्बर। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित इकाई ने भूपेंद्र सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली तदर्थ समिति द्वारा लिए गए सभी फैसलों को गुरुवार को रद कर दिया। तदर्थ समिति ने हाल ही में ओलम्पिक चयन मानदंडों को बदल दिया था और जयपुर में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी की घोषणा की थी।
WFI चुनाव जीतने के कुछ घंटों बाद अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ‘बबलू’ सहित 15 निर्वाचित सदस्यों में से 13 ने यहां शहर के एक होटल में मुलाकात की और आगे की रणनीति पर चर्चा की। नए महासचिव प्रेमचंद लोचब और वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह कादियान बैठक में शामिल नहीं हुए। दोनों अध्यक्ष पद का चुनाव हारने वालीं अनीता श्योराण के गुट से हैं, जो 15 में से दो पद पर ही विजयी रहा।
जयपुर में प्रस्तावित सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती अब गोंडा में होगी
डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने बताया, ‘तदर्थ पैनल ने घोषणा की थी कि सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जनवरी में जयपुर में आयोजित की जाएगी, लेकिन इस फैसले को रद कर दिया गया है। वास्तव में तदर्थ समिति द्वारा लिए गए सभी फैसले रद कर दिए गए हैं।’
WFI की पहली जीबीएम 11 या 12 जनवरी को नई दिल्ली में
सूत्र ने कहा, ‘तदर्थ समिति ने जिस ओलम्पिक चयन ट्रायल मापदंड की घोषणा की थी, वह खरा नहीं उतरता। हम 28 से 30 दिसम्बर तक गोंडा में अंडर-15 और जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी करेंगे।’ नवनिर्वाचित महासंघ की पहली आम सभा (जीबीएम) 11 या 12 जनवरी, 2024 को नई दिल्ली में होगी।
बाजवा के नेतृत्व वाली तदर्थ समिति ने हाल ही में घोषणा की थी कि पहलवानों द्वारा जीता गया ओलम्पिक कोटा उस विशेष पहलवान का नहीं बल्कि देश का होगा और कोटा जीतने वाले पहलवान को भी 2024 पेरिस खेलों की भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए चयन ट्रायल से गुजरना होगा।
खेल मंत्रालय के निर्देश पर आईओए ने गठित की थी WFI की तदर्थ समिति
बाजवा के नेतृत्व में तदर्थ समिति इस साल चार मई को अस्तित्व में आई थी और इसका गठन संकटग्रस्त डब्ल्यूएफआई के दैनिक कामकाज के संचालन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा किया गया था। खेल मंत्रालय ने आईओए को डब्ल्यूएफआई के संचालन के लिए तदर्थ समिति बनाने का निर्देश दिया था।