पहला स्वदेशी युद्धपोत INS निस्तार नए कलेवर और नई क्षमताओं के साथ फिर भारतीय नौसेना में शामिल
नई दिल्ली, 18 जुलाई। देश का पहला स्वदेशी युद्धपोत INS निस्तार नए कलेवर और नई क्षमताओं के साथ एक बार भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया। विशाखापत्तनम में शुक्रवार को एक समारोह में INS निस्तार को नौसेना में शामिल किया गया। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने विश्वास जताया है कि नए कलेवर और नई क्षमताओं के साथ एक बार फिर नए अवतार में नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाला ‘निस्तार’ युद्धपोत अपने पुराने अवतार, वर्ष 1971 की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका की विरासत को आगे बढ़ाएगा।
1971 की लड़ाई में पाकिस्तान की ‘गाजी’ का पता लगाने में निभाई थी अहम भूमिका
एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि देश में विकसित और गहरे समुद्र में बचाव अभियान चलाने में सहायक उपकरणों तथा अत्याधुनिक प्रणालियों से लैस ‘निस्तार’ के नौसेना में शामिल होने से पनडुब्बी बचाव अभियानों में क्रांति आएगी। उन्होंने INS ‘निस्तार’ के भूतपूर्व अवतार के साहसिक अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि नौसेना के बेड़े में शामिल होने के कुछ महीने बाद ही इस युद्धपोत ने वर्ष 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान की पनडुब्बी ‘गाजी’ का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि ‘निस्तार’ ने विशाखापत्तनम के बंदरगाह से ही गोता लगाकर पाकिस्तान की पनडुब्बी के ‘रेक’ की पहचान की थी।
INS Nistar, India’s 1st indigenously designed & built Diving Support Vessel, was commissioned in Vizag pic.twitter.com/jVn5PofBX0
— IDU (@defencealerts) July 18, 2025
नौसेना के युद्धपोत सदैव नए अवतार में वापसी करते हैं
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि नौसेना की पंरपरा के अनुसार उसके युद्धपोत का अस्तित्व कभी मिटता नहीं और वे हमेशा नए अवतार में बेड़े में वापसी करते हैं। इसी परंपरा के तहत आज एक और गौरवशाली नाम ‘निस्तार’ लौटा है। वह नए आत्मबल और उद्देश्य के साथ फिर से अवतरित हुआ है। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि नया निस्तार भी अपने पूर्ववर्ती की विरासत को और आगे बढ़ाएगा। पुराने ‘निस्तार’ पर तैनात रहे अनेक भूतपूर्व सैनिक इस अवसर पर मौजूद हैं और यह नौसेना के लिए गौरव तथा सम्मान का क्षण है।”
पनडुब्बी बचाव अभियानों में क्रांति आएगी
उन्होंने कहा, “अत्याधुनिक गोताखोरी प्रणाली तथा बचाव उपकरणों से लैस ‘निस्तार’ से नौसेना को नई ताकत मिलेगी। निस्तार आधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित प्लेटफार्म ही नहीं है बल्कि विभिन्न अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला ऐसा युद्धपोत है, जो हमारे क्षेत्रीय सहयोगियों को भी पनडुब्बी बचाव अभियानों में सहयोग प्रदान करेगा। दुनिया की कुछ ही नौसेनाओं के पास ऐसी क्षमता है और उनमें से कुछ ही हैं, जिन्होंने इस क्षमता को देश में विकसित किया है।”
नौसेना प्रमुख ने कहा कि ‘निस्तार’ का राष्ट्र को समर्पित किए जाने का क्षण भारत की बढ़ती समुद्री औद्योगिक क्षमता और परिपक्वता का प्रमाण है। ‘निस्तार’ का वजन 10 हजार टन से अधिक और लंबाई 118 मीटर है। यह 300 मीटर से अधिक गहराई में बचाव अभियान चलाने में सक्षम है।
