बिहार चुनाव 2025 : मतदान वाले दिन सभी कर्मचारियों को मिलेगा सवेतन अवकाश
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनाव और आठ विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों के तहत मतदान के दिन सभी कर्मचारियों को सवेतन अवकाश देने का आदेश जारी किया है। आयोग ने कहा कि यह कदम मतदाताओं को अपने वोट का इस्तेमाल करने में आसानी प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
बिहार में 6 और 11 नवम्बर को होनी है वोटिंग
चुनाव आयोग की ओर से घोषित कार्यक्रम के अनुसार बिहार में पहले चरण का मतदान छह नवम्बर को होना है जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवम्बर को होगी। इसके अलावा छह राज्यों के आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव भी 11 नवम्बर को ही होंगे।
Bihar Elections and bye-elections 2025: Paid Holiday on Polling Day
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 18, 2025
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135बी के तहत हर कर्मचारी, चाहे वह किसी व्यवसाय, उद्योग या अन्य प्रतिष्ठान में काम करता हो, मतदान के दिन सवेतन अवकाश पाने का हकदार है। इस दौरान उसकी तनख्वाह में कोई कटौती नहीं होगी। यदि कोई नियोक्ता इस नियम का उल्लंघन करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक कर्मचारी भी इस सुविधा के हकदार हैं।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग अपने मतदान क्षेत्र से बाहर अन्य जगहों पर नौकरी करते हैं, लेकिन अपने मूल मतदान क्षेत्र में वोटर हैं, उन्हें भी मतदान के दिन सवेतन अवकाश मिलेगा। इससे वे अपने वोट डालने के लिए समय निकाल सकेंगे। यह नियम सुनिश्चित करता है कि हर मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का पूरा मौका मिले।
सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निर्देश
निर्वाचन आयोग ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को निर्देश दिया है कि वे इस नियम का सख्ती से पालन कराएं। इसके लिए सभी नियोक्ताओं और संबंधित विभागों को जरूरी हिदायतें जारी की जाएं। आयोग का मकसद है कि मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और सुगम हो, ताकि हर नागरिक बिना किसी परेशानी के वोट डाल सके।
इस घोषणा से बिहार में कर्मचारियों और दैनिक मजदूरों में खुशी की लहर
बिहार में इस घोषणा से कर्मचारियों और दैनिक मजदूरों में खुशी की लहर है। आयोग ने नियोक्ताओं से अपील की है कि वे इस अवकाश का लाभ देने में सहयोग करें ताकि लोकतंत्र मजबूत हो। यह कदम मतदान प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
