नई दिल्ली, 29 नवम्बर। टाटा समूह के स्वामित्व वाली विमानन कम्पनियों – एअर इंडिया और विस्तारा का विलय होगा। इस सौदे के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की एअर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। टाटा समूह ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि प्रस्तावित सौदा मार्च, 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है, जो नियामकीय मंजूरी पर निर्भर है। विस्तारा में टाटा समूह की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) के पास है।
सौदे के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की एअर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी
एसआईए ने एक बयान में कहा कि विस्तारा और एअर इंडिया का विलय होगा। इस विलय सौदे के तहत एसआईए एअर इंडिया में 2,058.5 करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी। सिंगापुर एयरलाइंस ने कहा कि वह इस निवेश का वित्तपोषण आंतरिक नकदी संसाधनों से करेगी।
218 विमानों के साथ देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय विमानन कम्पनी बन जाएगी
वहीं टाटा समूह ने अलग से बयान जारी कर कहा कि इस विलय के साथ एअर इंडिया देश की सबसे प्रमुख घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा देने वाली एयरलाइन होगी। उसके बेड़े में 218 विमान होंगे और वह देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय विमानन कम्पनी तथा दूसरी सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन होगी।
‘विलय मील का पत्थर साबित होगा’
एसआईए और टाटा संस जरूरत होने पर वृद्धि और परिचालन को गति देने के लिए वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 में अतिरिक्त पूंजी डालने पर भी सहमत हुए हैं। टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि एअर इंडिया को वैश्विक स्तर की एयरलाइन कम्पनी बनाने की दिशा में विस्तारा और एअर इंडिया का विलय ‘मील का पत्थर’ साबित होगा।
उन्होंने कहा, ‘बदलाव के तहत, एअर इंडिया अपने नेटवर्क और बेड़े दोनों को बढ़ाने के साथ ग्राहकों को सेवाओं की पेशकश को नया रूप देने, सुरक्षा और भरोसे के साथ प्रदर्शन को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हम एक मजबूत एअर इंडिया बनाने के अवसर से उत्साहित हैं। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर पूर्ण सेवा और कम लागत वाली सेवा दोनों की पेशकश करेगी।
उल्लेखनीय है कि टाटा समूह से चार एयरलाइन जुड़ी हैं। ये एयरलाइन – एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, एअर एशिया इंडिया और विस्तारा। टाटा समूह ने एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस का इस वर्ष जनवरी में अधिग्रहण किया था।