1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. सुप्रीम कोर्ट ने ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों के प्रावधानों पर केंद्र सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
सुप्रीम कोर्ट ने ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों के प्रावधानों पर केंद्र सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

सुप्रीम कोर्ट ने ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों के प्रावधानों पर केंद्र सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

0
Social Share

नई दिल्ली, 16 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई शुरू करते हुए ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों के प्रावधानों पर केंद्र सरकार के सामने सवाल उठाए। शीर्ष अदालत का कहना था कि कानून के तहत पहले से स्थापित ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों को डिनोटिफाई करने से दिक्कतें पैदा होंगी।

CJI ने तुषार मेहता से पूछा – वक्‍फ बाय यूजर क्‍यों हटाया गया?

दरअसल, ‘वक्फ बाय यूजर’ का मतलब है, ऐसी संपत्ति जो लंबे समय से धार्मिक या सामाजिक कार्यों के लिए इस्तेमाल हो रही है। भले ही उसके कागजात पूरे न हों। मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान को हटाने पर केंद्र से स्पष्टीकरण मांगा और केंद्र से वक्फ कानून पर तीखे सवाल भी पूछे। सीजेआई ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता से कहा, वक्‍फ बाय यूजर क्‍यों हटाया गया?

ऐसी मस्जिदों से रजिस्टर्ड डीड मांगना नामुमकिन

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि 14वीं से 16वीं शताब्दी के बीच बनी ज्यादातर मस्जिदों के पास सेल डीड नहीं होंगे। ऐसे में, उन्हें कैसे रजिस्टर किया जाएगा? कोर्ट ने यह भी कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि ‘वक्फ बाय यूजर’ में कोई असली संपत्ति नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी मस्जिदों से रजिस्टर्ड डीड मांगना नामुमकिन होगा क्योंकि ये सभी वक्फ-बाय-यूजर प्रॉपर्टीज हैं। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें इसे रजिस्टर करवाने से किसने रोका? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि यदि सरकार कहने लगी कि ये जमीनें सरकारी हैं तो क्या होगा?

वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्य पर भी सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्डों और सेंट्रल वक्फ काउंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के प्रावधान पर भी सवाल उठाया। शीर्ष अदालत ने केंद्र से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को हिन्दू धार्मिक न्यासों का हिस्सा बनने की अनुमति देने को तैयार है? शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम का वह नियम लागू नहीं होगा, जिसके तहत कलेक्टर की जांच के दौरान किसी संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा। मतलब, यदि कलेक्टर यह जांच कर रहा है कि कोई संपत्ति सरकारी जमीन है या नहीं, तो उस दौरान उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा।

सॉलिसिटर जनरल का पूरे मामले पर जवाब

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मान लीजिए, एक दुकान है, मंदिर है या वक्फ है। एक्ट यह नहीं कहता कि उसका इस्तेमाल बंद हो जाएगा। यह कहता है कि जब तक हम फैसला नहीं कर लेते, तब तक उसे कोई फायदा नहीं मिलेगा। इस पर सीजेआई संजीव खन्ना ने पूछा, ‘तो फिर क्या होगा? किराया कहां जाएगा? फिर यह नियम क्यों बनाया गया है?’ तुषार मेहता ने जवाब दिया, ‘यह नहीं कहता कि वक्फ के तौर पर उसका इस्तेमाल बंद हो जाएगा।’

वक्फ कानून को चुनौती देने वाली 73 याचिकाओं पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें वक्फ संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली 73 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कही हैं। इस कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में, खासकर मुर्शिदाबाद में हिंसा भी हुई है। उच्चतम न्यायालय ने हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि यह परेशान करने वाली बात है क्योंकि अदालत वक्फ अधिनियम के मामले पर सुनवाई कर रही है।

गुरुवार को भी होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर गुरुवार को भी अपाह्न दो बजे फिर सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत ने हालांकि अब तक कोई आदेश नहीं दिया है क्योंकि सॉलिसिटर जनरल और राज्य के वकीलों ने कुछ आपत्तियां जताई हैं। वह ‘वक्फ बाय यूजर’ संपत्तियों के संबंध में अंतरिम आदेश पारित करना चाहती थी। फिलहाल, मामले को गुरुवार तक के लिए टाल दिया गया।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code