दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त – अब सिर्फ BS-IV के वाहनों को NCR में प्रवेश की अनुमति
नई दिल्ली, 17 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब होने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कठोर कदम उठाते हुए अपने पहले के आदेश में बदलाव कर दिया। इसके तहत दिल्ली-NCR अथॉरिटी को उन पुराने वाहनों के खिलाफ काररवाई करने की इजाजत मिल गई है, जो BS-IV एमिशन स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करते।
BS-IV एमिशन स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करने वाले वाहनों के खिलाफ काररवाई की अनुमति
शीर्ष अदालत ने गत 12 अगस्त के अपने आदेश में बदलाव करते हुए साफ किया कि ऐसी गाड़ियों के खिलाफ काररवाई की जा सकती है, जो BS-IV से कम एमिशन स्टैंडर्ड को पूरा करती हैं। नए आदेश से BS-IV और इससे आगे के मॉडल की गाड़ियों पर 10 और 15 वर्ष की समय सीमा लागू नहीं होगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त के अपने पहले वाले फैसले में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 10 वर्ष से पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 वर्ष से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों के खिलाफ जबरदस्ती काररवाई पर रोक लगा दी थी।
BS-III तक की गाड़ियों के खिलाफ काररवाई होगी
भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्य बागची और जस्टिस विपुल पंचोली की बेंच ने दिल्ली सरकार की अपील पर नया आदेश दिया। दिल्ली सरकार ने पुरानी कारों के खिलाफ काररवाई की मांग की थी। बेंच ने कहा कि BS-IV इंजन वाली गाड़ियों को काररवाई से छूट दी जाएगी।
दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुईं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने 12 अगस्त को पास किए गए आदेश में बदलाव की मांग की। ताकि BS-III तक की गाड़ियों के खिलाफ काररवाई की जा सके। वेबसाइट ‘लाइव लॉ’ के अनुसार, ASG ने कहा, ‘पुरानी गाड़ियों के एमिशन स्टैंडर्ड बहुत खराब हैं। वे प्रदूषण बढ़ा रही हैं।’
वायु प्रदूषण मामले में एमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कहा, “BS-IV 2010 में आया था जबकि BS-III मॉडल उससे पहले के हैं।’ बेंच ने आदेश दिया कि 12 अगस्त के आदेश में यह बदलाव किया जाता है कि BS-IV और उससे नए वाहनों के मालिकों के खिलाफ कोई सख्त काररवाई नहीं की जाएगी। यह काररवाई इस आधार पर होगी कि वे 10 वर्ष से ज्यादा पुराने (डीजल इंजन के मामले में) और 15 वर्ष से अधिक पुराने (पेट्रोल इंजन के मामले में) हैं।
टोल कलेक्शन अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार करने का भी निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इसी क्रम में दिल्ली नगर निगम (MCD) को राष्ट्रीय राजधानी के एंट्री प्वॉइंट्स पर स्थित नौ टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन को अस्थायी रूप से बंद करने पर विचार करने का निर्देश दिया।
