एआईएफएफ से फीफा का प्रतिबंध हटने पर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा – यह फुटबॉल प्रशंसकों की जीत
ज्यूरिख/नई दिल्ली, 27 अगस्त। विश्व फुटबाल को संचालित करने वाली सर्वोच्च संस्था फीफा की ओर से अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर लागू प्रतिबंध हटाने के फैसले को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रशंसकों की जीत करार दिया है।
महिला अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी का रास्ता साफ
उल्लेखनीय है कि फीफा ने एआईएफएफ पर 11 दिन पहले ‘तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव’ के कारण लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया है, जिससे भारत को इस साल अक्टूबर में महिला अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी की मंजूरी भी मिल गई है।
दिलचस्प यह है कि अनुराग ठाकुर के मंत्रालय ने फीफा और उच्चतम न्यायालय के बीच समन्वय बैठाकर प्रतिबंध को हटाने में अहम भूमिका निभाई। उच्चतम न्यायालय ने प्रशासकों की समिति (सीओए) का कार्यकाल समाप्त कर दिया था, जो प्रतिबंध हटाने की पहली शर्त थी।
अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया, ‘यह बात साझा करते हुए मैं प्रसन्न हूं कि फीफा परिषद के ब्यूरो ने एआईएफएफ पर लगाया गया प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से हटाने का फैसला किया है। फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप अब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 से 30 अक्टूबर तक भारत में होगा। यह फुटबॉल प्रशंसकों की जीत है।’
Delighted to share the Bureau of the FIFA Council decided today to lift the suspension of the AIFF with immediate effect.
The FIFA U-17 Women’s World Cup 2022 scheduled to take place on 11-30 October 2022 will be held in India as planned !
A victory for all football ⚽️ fans!
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 26, 2022
फीफा ने 15 अगस्त को एआईएफएफ पर लगाया था प्रतिबंध
फीफा ने 15 अगस्त को भारत पर प्रतिबंध लगाया था और स्पष्ट किया था कि इसका मतलब भारत अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी नहीं कर सकता। एआईएफएफ को 85 वर्षों के उसके इतिहास में पहली बार प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तीन सदस्य प्रशासकों की समिति (सीओए) को बर्खास्त कर दिया था, जिससे प्रतिबंध हटाने का रास्ता साफ हो सका था। सीओए की नियुक्ति मई में की गई थी ताकि भारत फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप का सुचारु रूप से मेजबानी कर सके।
प्रशासकों की समिति भंग होने की पुष्टि के बाद फीफा ने हटाया प्रतिबंध
फीफा ने शनिवार की रात ज्यूरिख में जारी एक बयान में कहा, ‘फीफा परिषद के ब्यूरो ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) तीसरे पक्ष के प्रभाव के कारण लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। फीफा के यह पुष्टि प्राप्त करने के बाद कि एआईएफएफ कार्यकारी समिति की शक्तियों को ग्रहण करने के लिए स्थापित की गई प्रशासकों की समिति को भंग कर दिया गया है, यह फैसला किया गया। इसके परिणाम स्वरूप फीफा अंडर-17 महिला विश्वकप पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 से 30 अक्टूबर 2022 के बीच भारत में ही खेला जाएगा।’
विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था ने कहा कि वह और एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) स्थिति पर निगरानी जारी रखेंगे और सही समय पर चुनाव कराने में एआईएफएफ की मदद करेंगे।
एआईएफएफ के कार्यवाहक महासचिव ने फीफा, एएफसी व ठाकुर का आभार जताया
इस बीच एआईएफएफ के कार्यवाहक महासचिव सुनंदो धर ने इस फैसले का स्वागत किया तथा फीफा, एएफसी और ठाकुर का उनकी भूमिकाओं के लिए आभार व्यक्त किया। धर ने कहा, ‘‘भारतीय फुटबॉल का सबसे काला समय आखिरकार खत्म हो गया है। एआईएफएफ पर 15 अगस्त की मध्यरात्रि को जो निलंबन लगाया गया था, उसे फीफा ने हटा दिया है।’
एआईएफएफ चुनाव 2 सितम्बर को, बाइचुंग भूटिया व कल्याण चौबे आमने-सामने
एआईएफएफ के चुनाव अब दो सितम्बर को होंगे, जिसमें दिग्गज फुटबॉलर बाइचुंग भुटिया और पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे अध्यक्ष पद के लिए आमने-सामने हैं।
भूटिया ने भी किया स्वागत, बोले – यह व्यवस्था में बदलाव करने का समय है
पूर्व भारतीय कप्तान बाइचुंग भूटिया ने भी फीफा के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह व्यवस्था में बदलाव करने का समयहै। भूटिया ने कहा, ‘यह शानदार खबर है। मैं फीफा के एआईएफएफ पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने के फैसले का स्वागत करता हूं। यह भारतीय फुटबॉल की जीत है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने युवा खिलाड़ियों के लिए खुश हूं क्योंकि अब उन्हें महिला अंडर-17 विश्व कप में अपने आयु वर्ग की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलेगा।’
भूटिया ने कहा, ‘यह सबक सीखने और भारतीय फुटबॉल प्रशासन में बदलाव और सुधार लाने का समय है। हमें व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। मेरा मानना है कि अगर हमारे पास अच्छी प्रणाली और प्रशासन में अच्छे व्यक्ति रहते हैं तो भारतीय फुटबॉल नई ऊंचाइयां हासिल कर सकती है।’