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विधि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में बोले सीएम योगी – न्याय व्यवस्था से पूरा होगा सुशासन का लक्ष्य

विधि विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में बोले सीएम योगी – न्याय व्यवस्था से पूरा होगा सुशासन का लक्ष्य

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लखनऊ, 2 नवंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून के राज के लिए ‘बेंच और बार’ के बीच तालमेल के महत्व पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि ‘कानून का शासन’ इन दोनों संस्थाओं में निहित विवेक और संवेदना के बेहतरीन समन्वय से ही आगे बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री ने लखनऊ में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में अपने सम्बोधन में कहा कि कानून का राज ‘बेंच और बार’ के बेहतरीन समन्वय से ही आगे बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम बेंच की बात करते हैं तो यह सामान्य रूप से एक आम मानविकी के विवेक का प्रतीक है और बार हम सब की संवेदना का प्रतीक है। इस विवेक और संवेदना में जब समन्वय होता है, तब हम ‘कानून के शासन’ की परिकल्पना को सरकार और मूर्त रूप में देख पाते हैं।’’ कार्यक्रम में देश के भावी प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली भी मौजूद थे।

आदित्यनाथ ने ‘बार और बेंच’ की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘बार और बेंच में बेहतर समन्वय हो, इसके लिए हमलोगों ने उत्तर प्रदेश में एकीकृत अदालत परिसर बनाना प्रारंभ किये हैं। हमने 10 जनपदों के लिए एक साथ धनराशि भी जारी की है। इसमें एक ही परिसर में जिला स्तर की सभी अदालतें होंगी। साथ ही परिसर में आवास और अन्य हर प्रकार की जरूरी सुविधा भी उसी परिसर में हम लोगों ने प्रारंभ की है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में सुदृढ़ न्यायिक व्यवस्था का खास योगदान है और मैं हमेशा इस बात को मानता हूं कि न्यायिक व्यवस्था जितनी मजबूत होगी सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में उतनी ही आसानी होगी।’’ उन्होंने कहा कि सुशासन को प्राचीन काल में ‘राम राज्य’ कहते थे, अर्थात् एक ऐसी शासन व्यवस्था, जहां पर किसी भी प्रकार के भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं था।

मुख्यमंत्री ने ई-कोर्ट प्रणाली, वैकल्पिक वाद निस्तारण और साइबर कानून जैसे नये क्षेत्रों तथा न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘इलाहाबाद उच्च न्यायालय आज अपने सुदृढ़ मूलभूत ढांचे के लिए जाना जाता है। प्रदेश में खासतौर पर महिलाऔं और बच्चों से संबंधित अपराधों की स्थिति में त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में प्रभावी पैरवी करने और महिलाओं से जुड़े मामलों में 380 से अधिक पॉक्सो और त्वरित अदालतों के गठन की कार्यवाही को भी राज्य सरकार ने तेजी के साथ आगे बढ़ाने में मदद की है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक अदालत और मध्यस्थता के माध्यम से भी त्वरित न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाये गये हैं और इस दिशा में विधिक सेवा प्राधिकरण और न्यायालय की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार न्याय व्यवस्था को सुलभ पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी। आदित्यनाथ ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं।

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