महाकुम्भ भगदड़ में अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत, 60 घायल, प्रशासन ने जारी किया आधिकारिक आंकड़ा
महाकुम्भ नगर, 29 जनवरी। महाकुम्भ मेले में मौनी अमावस्या के अवसर पर मंगलवार को मध्यरात्रि बाद एक से दो बजे के बीच स्नानार्थियों के बीच मची भगदड़ में मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा पहली बार सामने आया है। महाकुम्भ नगर मेला क्षेत्र प्रशासन के अनुसार हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है जबकि 60 लोग घायल हैं।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने हादसे के 16 घंटे बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
महाकुम्भ मेला क्षेत्र के डीआईजी वैभव कृष्ण ने हादसे के लगभग 16 घंटे बाद आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महाकुम्भ में बीती रात एक से दो बजे के बीच संगम नोज पर दबाव बढ़ने से बैरिकेडिंग टूटने से मची भगदड़ में यह हादसा हुआ।

महाकुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे डीआईजी ने किसी सवाल का जवाब तो नहीं दिया, लेकिन इतना अवश्य कहा कि अखाड़ा मार्ग पर रात डेढ़ बजे के आसपास भारी भीड़ का दबाव बन गया था। इससे झूंसी इलाके में बैरिकेडिंग टूट गई और संगम की ओर घुसी भीड़ ने वहां पर स्नान का इंतजार कर रहे लोगों को कुचलना शुरू कर दिया।
वैभव कृष्ण ने बताया कि भगदड़ में घायल हुए 90 लोगों को अस्पताल ले जाया गया। इनमें से 30 लोगों ने दम तोड़ दिया। मृतकों में 25 लोगों की शिनाख्त हो गई है। कई लोगों के परिवार में एक से ज्यादा की मौत हुई है। भगदड़ के बाद राहत और बचाव कार्य करते हुए ग्रीन कोरिडोर बनाया गया था।
घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज का सीएम योगी का आदेश
उन्होंने बताया कि हादसे में जान गंवाने वालों में कर्नाटक के चार, गुजरात के एक, असम के एक श्रद्धालु की मौत हुई है। शेष की पहचान की जानी बाकी है। 60 लोग घायल हैं। कुछ घायलों को परिवार वाले लेकर चले गए। इसके अलावा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज का आदेश दिया है।
आज नहीं था कोई वीआईपी मूवमेंट, हेल्पलाइन नंबर जारी
डीआईजी ने यह भी साफ किया कि आज कोई वीआईपी प्रोटोकाल नहीं था। शासन से सख्त निर्देश थे कि आज कोई वीआईपी मूवमेंट नहीं रहेगा। वहीं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है, जिससे कोई व्यक्ति यदि गायब है तो उसके संबंध में जानकारी की जा सकती है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि इस समय स्थिति सामान्य है। मुख्यमंत्री द्वारा सभी पूज्यनीय महामंडलेश्वर, संतों और अखाड़ों से वार्ता कर आग्रह किया गया कि अमृत स्नान थोड़ी देर से किया जाए। सभी संतों ने इस बात को माना और आज अमृत स्नान थोड़ी देर से हुआ, जोकि सकुशल संपन्न हो चुका है।
बैरिकेडिंग टूटने के बाद श्रद्धालु वहां सो रहे लोगों पर चढ़ गए
इस बीच प्रयागराज सेवा समिति के संयोजक तीर्थराज पाण्डेय बच्चा भैया के नेतृत्व में संगम और कुंभ मेला क्षेत्र में तुलसी मार्ग पर संचालित शिविर के सदस्यों व श्रद्धालुओं ने आंखों देखा हाल बताते हुए कहा कि संगम पर रात 2.00 बजे अमृत स्नान के योग के कारण अधिकतर श्रद्धालु वहां पर जमे थे। श्रद्धालु जहां सो रहे थे, उसी के बगल की बैरिकेडिंग टूट गई और श्रद्धालु संगम की ओर दौड़ पड़े। इसके कारण सोए हुए श्रद्धालुओं को उठने का मौका भी नहीं मिला और एक के बाद एक कई लोग कुचलते चले गए।
