1. Home
  2. हिन्दी
  3. बॉलीवुड
  4. 68 वर्ष के हुए गायक उदित नारायण, इन पुरस्कारों से किए जा चुके हैं सम्मानित
68 वर्ष के हुए गायक उदित नारायण, इन पुरस्कारों से किए जा चुके हैं सम्मानित

68 वर्ष के हुए गायक उदित नारायण, इन पुरस्कारों से किए जा चुके हैं सम्मानित

0
Social Share

मुंबई, 1 दिसम्बर। बॉलीवुड के जानेमाने पार्श्वगायक उदित नारायण आज 68 वर्ष के हो गए। उदित नारायण झा का जन्म नेपाल में एक दिसंबर, 1955 को एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन के दिनों से ही उनका रुझान संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायक बनना चाहते थे। इस दिशा में शुरुआत करते हुए उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा पंडित दिनकर कैकिनी से हासिल की।

नेपाल में आकाशवाणी से की करिअर की शुरुआत

उदित नारायण ने गायक के रूप में अपने करिअर की शुरुआत नेपाल में आकाशवाणी से की, जहां वह लोक संगीत का कार्यक्रम पेश किया करते थे। लगभग आठ वर्ष तक नेपाल के आकाशवाणी मंच से जुड़े रहने के बाद वह 1978 में मुंबई चले आए और भारतीय विद्या मंदिर में स्कॉलरशिप हासिल कर शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेने लगे। वर्ष 1980 में उदित नारायण की मुलाकात मशहूर संगीतकार राजेश रौशन से हुई, जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचान करके अपनी फिल्म ‘उन्नीस बीस’ में पार्श्वगायक के रूप में उन्हें काम करने का मौका दिया, लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म टिकट खिड़की पर बुरी तरह नकार दी गई।

मोहम्मद रफी के साथ मिला पार्श्वगायन का मौका

दिलचस्प है कि इस फिल्म में उन्हें अपने आदर्श मोहम्मद रफी के साथ पार्श्वगायन का मौका मिला। लगभग दो वर्ष तक मुंबई में रहने के बाद वह पार्श्वगायक बनने के लिए संघर्ष करने लगे। आश्वासन तो सभी देते, लेकिन उन्हें काम करने का अवसर कोई नहीं देता था। इस बीच उदित नारायण ने ‘गहरा जख्म’, ‘बड़े दिल वाला’, ‘तन बदन’, ‘अपना भी कोई होता’ और ‘पत्तों की बाजी’ जैसी बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में पार्श्वगायन किया, लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।

‘पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा’ गीत से मिली पहचान

लगभग दस वर्ष तक मायानगरी मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1988 में नासिर हुसैन की आमिर खान अभिनीत फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में अपने गीत ‘पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा’ की सफलता के बाद उदित नारायण गायक के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। ‘कयामत से कयामत’ तक की सफलता के बाद उदित नारायण को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए, जिनमें राम अवतार, त्रिदेव, महासंग्राम, दिल, सौगंध, फूल और कांटे जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थीं।

पांच बार मिला है फिल्म फेयर पुरस्कार

उदित नारायण अब तक पांच बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये जा चुके हैं। हिन्दी सिनेमा जगत में उदित नारायण के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2009 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2002 में फिल्म लगान के गीत ‘सुन मितवा’ और 2003 में फिल्म जिंदगी खूबसूरत है के गीत ‘छोटे छोटे सपने’ के लिए वह सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किए गए।

आमिर खान, शाहरुख खान जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने वाले उदित नारायण ने चार दशक से भी ज्यादा लंबे करिअर में 15,000 से अधिक फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाए हैं। उन्होंने हिन्दी के अलावा उर्दू, तमिल, बंगला, गुजराती, मराठी, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, उड़िया और नेपाली फिल्मों के गीतों के लिए भी अपना स्वर दिया है।

उदित नारायण ने कई गैर फिल्मी गीतों के गायन से भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। उदित नारायण भारत के अलावा अमेरिका,कनाडा, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका में कई स्टेज कार्यक्रम भी पेश कर चुके हैं। उदित नारायण आज भी अपनी मधुर आवाज से संगीत जगत को सुशोभित कर रहे हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code